बहसबाजी के प्रसारण में मल्लयुद्ध प्रवक्ता
आलोक पुराणिक
जैसी राजनीतिक गतिविधियां आजकल हो रही हैं, और जैसी टीवी डिबेट आजकल हो रही है, उसे देखते हुए उम्मीद है कि जल्दी ही कुछ इस तरह की टीवी डिबेट हमें किसी टीवी चैनल पर दिखाई देगी—
चालू चैनल में टीवी एंकर प्रचंड प्रताप सिंह : आज बहुत महत्वपूर्ण घटनाक्रम हुआ संसद के बाहर, अलां पार्टी के सांसद ने फलां पार्टी के सांसद को घूंसा मारकर गिरा दिया और फलां पार्टी के सांसद ने अलां पार्टी के नेता पर हमलों की बौछार कर दी। अलां और फलां पार्टी की महिला नेत्रियों ने एक-दूसरे के बाल नोचे। जी ये देखिये वो सीन—
टीवी पर नोचा-नोची, बॉक्सिंग के सीन चल रहे हैं, बैकग्राउंड में गीत बज रहा है-यह देश है वीर जवानों का।
एंकर प्रचंड प्रताप सिंह : आज हमारे साथ अलां पार्टी के शारीरिक प्रवक्ता डंडा सिंह और फलां पार्टी के शारीरिक प्रवक्ता झंडा सिंह। हम बताना चाहेंगे अपने दर्शकों को कि जैसी प्रचंड शारीरिक बहस हम करवाते हैं अपने चैनल पर वैसी बहस कहीं न हो सकती। लोग कुश्तियां देखना भूल जायेंगे, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ चैनल देखना भूल जायेंगे, तो शुरू करते हैं आज की बहस, जी अलां पार्टी के नेताजी बताइये कि आपने घूंसा क्यों मारा।
अलां पार्टी के शारीरिक प्रवक्ता घूंसा लहराते हुए टीवी स्क्रीन पर-पीछे से बैकग्राऊंड में गीत बज रहा है-अरे दीवानों मुझे पहचानो, कहां से आया, मैं हूं कौन, मैं हूं डॉन, मैं हूं डॉन, मैं हूं मैं हूं डॉन।
फलां पार्टी के शारीरिक प्रवक्ता ने जवाबी घूंसा लहराया टीवी स्क्रीन पर-पीछे से बैकग्राऊंड में गीत बज रहा है-है अगर दुश्मन जमाना, ज़माना ग़म नहीं, ग़म नहीं।
एंकर प्रचंड प्रताप सिंह : देखिये दोनों नेताओं से निवेदन है कि हमारे टीवी चैनल को परिवार देखते हैं, आप गालियां न दें। गालियां दें तो संसदीय गालियां ही दें।
अलां पार्टी का प्रवक्ता : देखिये गालियों पर हमारा कंट्रोल नहीं है।
फलां पार्टी का प्रवक्ता : देखिये, गालियां एक बार शुरू होती हैं, तो हम से नहीं रुक सकतीं।
दोनों पार्टियों के प्रवक्ता कूदकर टेबल पर चढ़ जाते हैं, पहले एक-दूसरे का कुर्ता फाड़ते हैं।
स्क्रीन पर मैसेज उभरता है कि यह न्यूज शो फलां नर्सिंग होम ने स्पांसर किया था, चैनल की खबरों से ज्यादा तेज इस नर्सिंग होम की एंबुलेंस।