पिंजौर, 18 मई (निस)। पूर्व विधायक एंव कांग्रेस नेता प्रदीप चौधरी ने मंगलवार को नगर परिषद क्षेत्र और आसपास लगाते गांवों में साफ-सफाई और जल निकासी की बिगड़ी हालत को लेकर प्रदेश सरकार और स्थानीय प्रशासन पर निशाना साधा। उन्होंने मांग की कि बरसात शुरू होने से पूर्व सभी नालों, नालियों की सफाई कराई जाए और पानी के ठहराव को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होने कहा कि हर साल मानसून के दौरान कालका और पिंजौर के साथ-साथ विधानसभा के इलाकों में जलभराव की स्थिति बन जाती है गंदा पानी जमा होने से इलाका मच्छरों का अड्डा बन जाता है जिससे डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड जैसी बीमारियां पनपती हैं। उन्होंने प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि नालियों की समय पर सफाई नहीं की जाती न ही जल निकासी के स्थायी समाधान की ओर कोई ध्यान दिया जाता है। प्रशासन को सिर्फ रिपोर्ट तैयार करने और आंकड़े देने की चिंता है ज़मीनी काम के नाम पर कुछ नहीं होता यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार हजारों करोड़ रुपये की स्कीमें और प्रचार में खर्च करती है लेकिन नगर परिषद जैसे निकायों को पर्याप्त बजट और संसाधन उपलब्ध नहीं करवाती। भाजपा सरकार का ध्यान सिर्फ चुनाव जीतने की रणनीतियों और इवेंटबाज़ी पर है जनता की समस्याएं उनकी प्राथमिकता में नहीं हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कालका जैसे सीमावर्ती और रणनीतिक दृष्टि से अहम क्षेत्र को लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है। यह इलाका ट्राईसिटी पंचकूला का हिस्सा होते हुए भी विकास के मामले में उपेक्षित रहा है। यह साफ दर्शाता है कि सरकार सिर्फ वोटबैंक की राजनीति कर रही है विकास की नही। चौधरी ने लोगों से भी अपील की कि वे अपने मोहल्लों में जागरूकता फैलाएं और प्रशासन पर दबाव बनाएं ताकि समय रहते कार्यवाही हो सके।