नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (एजेंसी)विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बदलते परिदृश्य के बीच विदेश नीति में बदलाव की जरूरत को रेखांकित करते हुए रविवार को कहा कि ‘‘विकसित भारत के लिए एक विदेश नीति'' होनी चाहिए। ‘इंडियाज वर्ल्ड' पत्रिका के विमोचन के अवसर पर अपने संबोधन में जयशंकर ने यह भी कहा, ‘‘जब हम विदेश नीति बदलने की बात करते हैं, अगर नेहरू के बाद की बात होती है, तो इसे राजनीतिक हमले के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।'' विदेश नीति विशेषज्ञ सी राजा मोहन पत्रिका के संपादकीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। विदेश मंत्री ने रविवार के कार्यक्रम में अपने संबोधन में दोहराया कि ‘नेहरू विकास मॉडल' ने ‘नेहरू विदेश नीति' को जन्म दिया।जयशंकर ने कहा, ‘मैं कहना चाहता हूं कि जब हम विदेश नीति बदलने की बात करते हैं, अगर नेहरू के बाद की अवधारणा की बात होती है, तो इसे राजनीतिक हमले के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। मेरा मतलब है, इसे करने के लिए नरेन्द्र मोदी की जरूरत नहीं थी, नरसिम्हा राव ने इसकी शुरुआत की थी।'' विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए, मुझे लगता है कि हमें जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है। हमें यथार्थवादी होने की जरूरत है।'' अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि विकसित भारत को लेकर एक दृष्टिकोण के लिए एक विदेश नीति की जरूरत है।