बजट सत्र के दौरान शून्यकाल में पांच मिनट बोल सकेंगे विधायक
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 10 मार्च
हरियाणा +विधानसभा ने एक और नयी पहल की है। अब बजट सत्र में शून्यकाल के दौरान विधायकों को बोलने के लिए पांच मिनट (प्रति विधायक) का मौका मिलेगा। पार्लियामेंट की तर्ज पर विधानसभा में कई तरह के बदलाव कर रहे स्पीकर हरविन्द्र कल्याण के इस प्रस्ताव को सदन ने सर्वसम्मति से पास किया। अभी तक विधायक केवल तीन मिनट ही बोल पाते थे। इतने समय में वे अपनी बात सही से नहीं रख पाते थे।
अहम बात यह है कि सोमवार को शून्यकाल में बोलने के लिए केवल छह विधायकों ने अपने नाम दिए थे। इनमें कांग्रेस के आफताब अहमद, बलवान दौलतपुरिया, अशोक अरोड़ा, भाजपा के सतपाल जाम्बा और इनेलो के आदित्य देवीलाल तथा अर्जुन चौटाला थे। स्पीकर ने विधायकों की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि महज छह सदस्यों के नाम आना चिंताजनक है।
सीएम नायब सिंह सैनी ने स्पीकर की पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि पर्ची सिस्टम से बोलने वाले विधायकों के नाम तय किए जाने चाहिए। स्पीकर ने अपने प्रस्ताव में कहा– बजट सत्र की अवधि लंबी होती है। इसलिए केवल बजट सत्र में ही विधायकों को शून्यकाल में बोलने के लिए पांच मिनट का समय मिलेगा। मानसून, शीतकालीन सहित बाकी सत्र की अवधि छोटी होती है, ऐसे में बाकी सत्रों में शून्यकाल के दौरान विधायक समिति शब्दों में लिखित नोट ही पढ़ सकेंगे। विधायक का लिखित नोटिस केवल विषय से संबंधित होगा। विधायक इस नोटिस के बाहर कोई बात सदन में नहीं करेगा।