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फेस टाइम

04:00 AM Dec 29, 2024 IST
फेस टाइम
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सुकेश साहनी
फेसबुक खोलते ही वह धक से रह गया, उसके प्रिय युवा रंगकर्मी मित्र की ‘हार्ट अटैक’ से मृत्यु हो गई थी। पोस्ट को पढ़ते हुए उसकी आंखें डबडबा आईं। उसने कमेंट लिखा, ‘बहुत ही दुखद, नमन!’
अगली ही पोस्ट पर उसके बाल सखा ने एक फोटो शेयर की थी, जिसमें वे तीनों जिगरी दोस्त एक नुमाइश मैदान में एक-दूसरे के गले में बाहें डाले खड़े थे। अपने लड़कपन की फोटो को वह मंत्रमुग्ध-सा देखता रह गया, होंठों पर बारीक मुस्कान तैर गई, उसने ‘लाइक’ करते हुए लिखा, ‘तीन तिलंगे’ जवाब में मित्र ने अट्टहास करता ‘ईमोजी’ भेजा, जिसे देखकर उसे हंसी आ गई।
आगे बढ़ा तो उसकी नजरें अपनी महिला मित्र की बहुत ही उत्तेजक प्रोफाइल पिक्चर पर पड़ी। वह बड़ी देर तक उसे बड़ा करके देखता रहा, बहुत सोचने-विचारने के बाद उसने कमेंट में ‘धांसू’ का संकेत करता ‘ईमोजी’ पोस्ट कर दिया।
फोन ‘लो-बैटरी’ का संकेत करने लगा तो वह बैठक से बेडरूम में आ गया। यहां पत्नी भी अपने फोन पर व्यस्त थी।
‘अब बस भी करो,’ फोन को चार्जिंग में लगाते हुए उसने कहा, ‘दिन-रात इसी में लगी रहती हो।’’
पत्नी ने उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया, मुस्कराते हुए कुछ टाइप करने लगी। यह देखकर उसका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंुच गया।
‘मैंने तुमसे कुछ कहा? सुनाई नहीं देता!’ वह चिल्लाया, ‘फोन रखो। मुझे सोना है।’
‘तुम्हें मना किसने किया है, सो जाओ। मुझे अभी देर लगेगी’, पत्नी ने रुखाई से कहा, ‘तुम खुद दिन-रात फोन से चिपके रहते हो, मैंने कभी कुछ कहा?!’
‘मेरी बराबरी मत करो, मेरा तो ऑफिस का सर्किल है, दूसरे सौ झमेले हैं। तुम्हारी तरह खाली बैठे पलंग नहीं तोड़ता। नारी मुक्ति के नाम पर न जाने कैसे-कैसे ग्रुपों में घुसी रहती हो। बिगाड़ कर रख दिया है इस लत ने तुम्हें। बोलने की तमीज तक तो रही नहीं।’
इस बार पत्नी ने कोई जवाब नहीं दिया और मैसेंजर पर कुछ टाइप करने लगी।
गुस्से में तमतमाते हुए उसने कमरे की लाइट बंद कर दी और पत्नी की ओर पीठ कर लेट गया। मैसेंजर पर चल रही चैटिंग की हल्की आवाज उसके कान में पिघले सीसे-सी पड़ रही थी। बहुत देर तक पत्नी ने फोन नहीं रखा, तो उसने करवट बदलकर देखा, पत्नी ‘फेसटाइम’ वीडियो पर थी। स्क्रीन की लाइट में पत्नी का चेहरा चमक रहा था। उसके चेहरे पर बहुत ही मोहक मुस्कान थी। उसे याद आया ऐसी मुस्कान तो पत्नी के होंठों पर तब होती थी, जब लवमैरिज से पहले वे डेटिंग पर जाते थे। तो क्या...? इसका मतलब...। जरूर उसका चक्कर किसी से चल रहा है...
वह अंगारों पर लोटने लगा।

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