फर्जी अरेस्ट वारंट का भय दिखाकर एक करोड़ ठगे
फरीदाबाद, 21 जनवरी (हप्र)
साइबर अपराध थाना एनआईटी की टीम ने डिजिटल अरेस्ट के एक मामले में 2 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी खरखौदा, सोनीपत से हुई। इन आरोपियों पर एक महिला से फर्जी अरेस्ट वारंट का भय दिखाकर 1 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने का आरोप है। इस मामले में अब तक कुल 11 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, और पुलिस का कहना है कि पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जा रहा है।
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, सेक्टर-46 में रहने वाली महिला ने पुलिस को बताया कि उसे एक से 4 अक्तूबर तक अजनबी नंबरों से व्हाट्सएप कॉल्स आई थीं। कॉल करने वाले व्यक्तियों ने एक-एक करके महिला से बात की और उसे एक फर्जी अरेस्ट वारंट भेजा। इस वारंट में उसे आत्मसमर्पण करने की धमकी दी गई थी। इसके बाद ठगों ने महिला को लगातार पैसों की मांग शुरू कर दी और वीडियो कॉल्स के जरिए उसे डराया-धमकाया, यह तक कि उसे कमरे से बाहर न जाने और किसी को भी मामले के बारे में न बताने की चेतावनी दी। डर के कारण महिला ने ठगों के कहने पर करीब एक करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया। पुलिस ने साइबर टीम के जरिए आरोपियों की पहचान की और मामला दर्ज किया। टीम ने दो आरोपियों, राजेश और राजू को गिरफ्तार किया।
आरोपी रोहतक और सोनीपत के रहने वाले
राजेश रोहतक के गांव बलियाणा का निवासी है, लेकिन वर्तमान में वह खरखोदा, सोनीपत में रहता है। वहीं, राजू गांव सिसाना का रहने वाला है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि राजेश ने ठगी के पैसों के लिए अपना बैंक खाता इस्तेमाल किया था, जिसमें कुल 6 लाख रुपये का लेन-देन हुआ। उसने अपने खाता दस्तावेज राजू को दे दिए थे, और बदले में 20,000 रुपये की कमीशन ली थी। राजू ने बताया कि उसने राजेश का खाता किसी और व्यक्ति को उपलब्ध कराया था और इसके बदले में 30,000 रुपये कमीशन लिया था। इस मामले में पहले ही 9 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें दिग्विजय, मनोज द्विवेदी, विजय श्रीवास्तव, बिहारी चौधरी, राहुल सिंह, अजय मेहरा, राहुल पिल्ले, सुजल उर्फ कुकी और संदेश शामिल हैं। पुलिस अब अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।