फरीदाबाद निगम आयुक्त को फटकार, आयोग ने दिया नोटिस
चंडीगढ़, 7 सितंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा सेवा का अधिकार (राइट-टू-सर्विस) आयोग ने फरीदाबाद नगर निगम के आयुक्त यशपाल यादव की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है। आयुक्त को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है। मामला नागरिक सेवाओं में देरी से जुड़ा है। 16 सितंबर तक पूरा विवरण मांगा है। आयोग अब इस मामले में 20 सितंबर को सुनवाई करेगा। लोगों को समय पर नागरिक सेवाएं नहीं मिलने पर आयोग ने स्वत: संज्ञान लिया था।
आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता की ओर से इस बाबत 9 अगस्त को नोटिस जारी किया गया था। 3 सितंबर को नगर निगम के सचिव की ओर से ईमेल के जरिये जवाब भेजा गया। अहम बात यह है कि आयोग ने सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत नोटिफाई की गई नागरिक सेवाओं की जानकारी मांगी थी। जवाब में केवल एक ही नागरिक सेवा की जानकारी दी गई, जबकि सरकार की ओर से 126 सेवाओं को अधिसूचित किया जा चुका है। इससे नाराज़ गुप्ता ने कड़ी टिप्पणी की हैं।
आयोग ने अपने नोटिस में सभी सेवाओं का डाटा जुटाने के लिए अब 16 सितंबर तक का वक्त दिया है। इनमें अन्त्योदय सरल पोर्टल, ऑनलाइन तरीके या किसी भी एप और ऑफलाइन सेवाओं का भी विवरण इसमें देना होगा। नगर निगम द्वारा इस मामले को नजर अंदाज किए जाने से भी आयोग नाराज है। गुप्ता ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सूचना का अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन से जुड़ी सुनवाई में अधिकारी को अधिसूचित सेवाओं की संख्या तक का पता नहीं। तीन सितंबर को भेजा गया जवाब निगम सचिव अनिल कुमार यादव की ओर से आया। जवाब में सिर्फ एक सेवा की जानकारी दी गई, जबकि जानकारी सभी अधिसूचित सेवाओं के बारे में मांगी गई थी।
हमारे पास कोई डाटा नहीं : निगम
आयोग ने कहा कि सेवा संख्या 27 यानी ‘जन्म/मृत्यु प्रमाण-पत्र की सत्यापित प्रतियां’ के साथ सेवाओं की समीक्षा शुरू की गई। इसके लिए अधिसूचित समय-सीमा चालू वर्ष के लिए 14 दिन और पिछले वर्षों के लिए 30 दिन है। नगर निगम आयुक्त ने बताया कि उनके पास कोई डाटा नहीं है। जब उनसे अगली सेवा संख्या-28 अर्थात ‘जलापूर्ति और सीवरेज कनेक्शन’ को लेकर पूछा तो आयुक्त ने बड़ा ही आश्चर्यजनक वक्तव्य दिया। उन्होंने कहा कि नगर निगम द्वारा पिछले दो वर्षों से कोई भी जलापूर्ति या सीवरेज कनेक्शन नहीं दिया जा रहा। उनसे अनुरोध किया गया कि वे अपने अधिकारियों से इस वक्तव्य को सत्यापित करवा लें क्योंकि यह अविश्वसनीय है कि यदि कोई व्यक्ति नगर निगम के रख-रखाव वाले इलाकों में जलापूर्ति या सीवरेज कनेक्शन के लिए आवेदन करता है तो निगम उसे यह सेवा प्रदान नहीं करेगा। लेकिन निगम आयुक्त इस पर अड़े रहे और कहा कि उनका वक्तव्य सही है।