फतेहाबाद के दर्जनभर गांवों में ओलावृष्टि से सब्जी, सरसों व चने की फसल चौपट
मदन लाल गर्ग/हप्र
फतेहाबाद, 28 दिसंबर
फतेहाबाद क्षेत्र में शुक्रवार को हुई भारी ओलावृष्टि से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। फतेहाबाद के आसपास के करीब 13 गांवों में ओलों की चादर बिछी, जिससे सरसों, चना और सब्जी की फसल पूरी तरह से चौपट हो गई। इसके अलावा चारे की फसल में भी भारी नुकसान हुआ है। हालांकि गेहूं की फसल को कम नुकसान हुआ है, क्योंकि गेहूं छोटी होने के चलते अभी भी किसानों को उम्मीद है कि उनकी मेहनत कहीं न कहीं बच सकती है।
फतेहाबाद के गांव धांगड़, सालमखेड़ा, भिरडाना, झलनिया, बडोपल, धारनिया, सलामखेड़ा आदि दर्जनभर गांवों में बीते दिन भयंकर ओलावृष्टि हुई थी। किसानों का कहना है कि सरसों के खेतों में पौधे बड़े होने लगे थे और पीली होती जा रही सरसों इन ओलों की मार से जमीन पर टूट कर बिछ गई। सालमखेड़ा, भिरडाना क्षेत्रों में आलू, मूली, गोभी, पालक आदि मौसमी सब्जियां किसानों ने उगा रखी थी, जो पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। जिन किसानों ने पॉलीथीन से सब्जियां ढकी थी, उनकी फसलों में थोड़ा बचाव हुआ है।
भिरडाना के आलू उत्पादक किसान शनिवार को अपने खेतों से क्यारियां तोड़कर पानी निकालते हुए दिखे। उन्होंने बताया कि आलू की पौधे अभी तैयार हो रहे थे और ओलों से पूरी क्यारियां सफेद हो गई, जब ओले पिघले तो क्यारियां पानी से भर गई, जिससे जमीन के अंदर पैदा हो रहे आलू खराब हो गए। वे रात से अपने खेत में क्यारियां तोड़कर पानी निकलवा रहे हैं, ताकि कुछ हद तक फसल बच सके। अनुमान है कि फिर भी 80 प्रतिशत फसल खराब हो चुकी है। चारे के लिए बीजी गई बरसीम की पूरी फसल भी बर्बाद हो गई।
क्या कहते हैं अधिकारी : कृषि विभाग के एसडीओ भीम सिंह कुलड़िया का कहना है कि जिन गांवों में ओलावृष्टि हुई है, वहां गेहूं, सरसों, व सब्जी के फसलों मे नुकसान हुआ है, फसल बीमा वाले किसानों से आवेदन मांंगे गए हैं, उसके बाद नुकसान का आकलन किया जाएगा। गेहूं में जो नुकसान हुआ है, वो दोबारा फुटाव करके रिकवर हो जाएगी, लेकिन सरसों में अब दोबारा फुटाव नहीं होगा। उन्होंने बताया कि किसानों के पास 10 जनवरी तक गेहूं की पछेती किस्म डब्लूएच 1309 की बिजाई का विकल्प है।