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प्रेम जीवन की सबसे अलौकिक अनुभूति : साध्वी सुमान्या भारती

05:56 AM Mar 24, 2025 IST
प्रेम जीवन की सबसे अलौकिक अनुभूति   साध्वी सुमान्या भारती
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जगाधरी, 23 मार्च (हप्र)
रविवार को जगाधरी स्थित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान आश्रम में साप्ताहिक सत्संग का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए साध्वी सुमान्या भारती ने कहा कि प्रेम मानव जीवन की सबसे अलौकिक अनुभूति है, लेकिन जब इंसान इसमें लौकिक संसार में ढूंढने का प्रयास करता है तो कदाचित प्रेम जैसी सद्भावना भी अपवित्र और पीड़ादायक हो जाती है। यदि हम इस संसार में गहन दृष्टिपात करें तो देख पाएंगे कि प्रतिदिन प्रेम जैसी शुद्ध भावना का शोषण हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जैसे स्वाति नक्षत्र में हो रही वर्षा का जल जिस स्थान पर जाता है उसकी वृत्ति को धारण कर लेता है। केले के पत्ते में ठहर जाए तो कपूर बन जाता है। सीप के मुख में चला जाए तो मोती बन जाता है, लेकिन सर्प के मुख में जाकर उसी वर्षा का जल ही विष का रूप धारण कर लेता है। इसी प्रकार विषय वासनाओं में आसक्त हुई बुद्धि और हृदय में जाकर प्रेम वासना का रूप धारण करके व्यक्ति के सम्पूर्ण जीवन का पतन कर देता है।
साध्वी ने कहा कि हृदय की प्रवृत्ति ही प्रेम के स्वभाव और परिणाम को निर्धारित करती है। निष्ठापूर्वक गुरु आज्ञा में चलते हुए गुरु प्रेम ही उस साधक को सभी विकारों से मुक्त कर के उसे उसके वास्तविक स्वरूप से मिला देता है।

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