प्रेम के अहसासों की कहानियां
सरस्वती रमेश
जीवन संघर्ष है तो प्रेम इस संघर्ष से उबारने की हिम्मत। प्रेम साथ हो तो मुश्किलों का पहाड़ भी लांघा जा सकता है। यही संदेश देती हैं अजय सिंह राणा के कहानी संग्रह ‘मकड़जाल’ में संकलित कहानियां।
अजय सिंह राणा की कहानियों में जीवन-प्रेम के इर्द-गिर्द छाया की तरह चलता है। प्रेम प्रेरणा है तो जीवन एक मकड़जाल, जिससे गुजरकर प्रेम ने कभी रास्ता बनाया तो कभी मंजिल की तलाश में भटका। दोनों ही परिस्थितियों में प्रेम मरा नहीं, जीवित रहा। कहानी ‘मकड़जाल’, ‘अननोन ऑथर’ और ‘तुम तक’ प्रेम में मिले दर्द के अहसासों को बयां करती है। जबकि ‘अनसुनी आवाजों’ में प्रेम-प्रकृति के रंग में एकाकार हो मूर्त होता है। खुद को अपने पिता के सामने साबित करने के लिए समर पहाड़ों में एक प्रोजेक्ट पर काम करने निकला है। लेकिन वहां वह अवनी के प्रेम में पड़कर पहाड़ों और प्रकृति से भी प्रेम कर बैठता है। अवनी के साथ वह प्रकृति के विनाश के रास्ते की बजाय प्रकृति के निर्माण की ओर चल पड़ता है। कहानी ‘अननोन ऑथर’ की नाटकीयता प्रभाव डालती है तो कहानियों में व्यक्त प्रेम के अहसास भी छूते हैं। ‘बिखरे सवाल’ पाठकों के समक्ष एक गंभीर प्रश्न छोड़ जाती है।
अजय की कहानियों का प्रेम जीवन और उष्मा से भरपूर है मगर इसकी अभिव्यक्ति बड़ी ही शांत और मौन है। मेघ से आच्छादित आकाश, बारिश और बूंदों को कहानियों में एक पात्र की तरह प्रस्तुत किया गया है। ये कहानियों में आत्मीय अहसास की तरह गुथी गई हैं। इन कहानियों की दुनिया का अलग ही तिलिस्म है। सहज, सरल सीधे वाक्य और संवादों में कही गई इन कहानियों में थोड़ी और गहराई की अपेक्षा की जा सकती है।
पुस्तक : मकड़जाल लेखक : अजय सिंह राणा प्रकाशक : बिंब-प्रतिबिंब प्रकाशन, फगवाड़ा, पंजाब पृष्ठ : 120 मूल्य : रु. 250.