प्राचीन शनि मंदिर में 50 साल से काबिज दुकानदार को दुकान खाली करने के आदेश
सिरसा, 5 मार्च (हप्र)
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सिरसा के ऐतिहासिक शनिदेव मंदिर को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। नोहरिया बाजार स्थित प्राचीन शनिदेव मंदिर की दुकान पर पिछले करीब 50 साल से काबिज दुकानदार द्वारा दायर किए दावे के केस को कोर्ट ने निपटान करने के आदेश दिये गये। हाईकोर्ट में चल रहे सुशील कुमार बनाम शनिदेव मंदिर केस में फैसला सुनाते हुए न्यायधीश सुवीर सहगल ने केस को डिस्पॉस ऑफ करने के आदेश दिये हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के इस निर्णय के बाद मंदिर के मुख्य गेट के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट में चल रहे केस की विवादित दुकान मंदिर के मुख्य गेट के साथ लगती है, जिस कारण मुख्य गेट के निर्माण का काम रुका हुआ था। मंदिर चेरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारियोंं समेत श्रद्धालुओं व शहर के गणमान्य लोगों ने न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह फैसला उन लोगों के लिए भी सबक है जो धार्मिक स्थलों की दुकान पर वर्षों तक किराए पर रहते हैं और बाद में कब्जा करने की नीयत से अदालत में चले जाते हैं।ट्रस्ट के पदाधिकारी चंद्रमोहन भृगुवंशी ने बताया कि हाईकोर्ट में 2015 से चल रहे इस केस में अहम फैसला सुनाते हुए न्यायधीश सुवीर सहगल ने मंदिर के पक्ष में निर्णय देते हुए केस को निपटान करने के आदेश देते हुए दुकान खाली करने को कहा। अब मंदिर का मुख्य गेट भव्य बनाया जाएगा।
हाईकोर्ट में 2015 से चल रहा था केस
ट्रस्ट के पदाधिकारी चंद्रमोहन भृगुवंशी ने बताया कि प्राचीन मंदिर की ये दुकान करीब 50 सालों से किराए पर थी। उक्त दुकान कन्हैया लाल को किराए पर दी हुई थी, बाद में उसका बेटा सुशील उस दुकान में कपड़े प्रेस करने का काम करने लगा। ट्रस्ट के पदाधिकारियों समेत गणमान्य लोगों ने उसे दुकान खाली करने का आग्रह किया ताकि मंदिर का निर्माण हो सके। परंतु वह पहले सिरसा अदालत में चला गया, जहां से केस हार गया था। इसके बाद वह हाईकोर्ट चला गया था।