प्राचीन बौद्ध स्तूप चनेटी को जाने वाले मार्ग खस्ताहाल, श्रद्धालु परेशान
जगाधरी, 1 जनवरी (हप्र)
जगाधरी से सटे गांव चनेटी की देश-दुनिया में अलग ही पहचान है। इसकी वजह यहां पर स्थित करीब 25 सौ साल पुराना बौद्ध स्तूप है। यह लोगों विशेषकर बौद्ध अनुयायियों की अगाध श्रद्धा का स्थल है, लेकिन स्तूप को जाने वाले तीन में से दो रास्ते अरसे से खस्ताहाल बने हुए हैं। इससे यहां पर प्रार्थना के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा नेता इसे लेकर विधायक व प्रशासनिक अधिकारियों से मिलने की बात कह रहे हैं।
चनेटी स्थित बौद्ध स्तूप पर भारत के अलावा, जापान, तिब्बत, बर्मा, थाईलैंड आदि से बौद्ध अनुयायी प्रार्थना के लिए आते हैं। वे स्तूप की परिक्रमा भी करते हैं। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। एक तो स्तूप प्रांगण में विश्राम स्थल नहीं है, दूसरे यहां पर शौचालय व वाटर कूलर तक नहीं है।
स्तूप की देखभाल का जिम्मा पुरातत्व विभाग का है। स्तूप प्रांगण की ज्यादातर लाइटें भी महीनों से खराब पड़ी हैं। इस स्तूप पर आने के लिए तीन रास्ते हैं। एक रास्ता जगाधरी के पांवटा एनएच से आता है। दूसरा रास्ता बूडिया से आता है तथा तीसरा रास्ता बीकेडी रोड से आता है। इनमें से बूडिया व बीकेडी रोड वाला रास्ता लंबे समय से खराब पड़ा हुआ है। थोड़ी-सी बरसात होने पर यह तालाब बन जाता है।
क्षेत्र के मुकेश कुमार, कृष्ण लाल, सुभाषचंद, अनिल कुमार आदि ने प्रशासन से इन रास्तों को ठीक कराने व स्तूप प्रांगण में पर्याप्त सुविधाएं देने की मांग की है।
भाजपा नेता अशोक चनेटी का कहना है कि पता चला है कि सड़कों के रखरखाव का काम अब मार्केटिंग बोर्ड से जिला परिषद के पास चला गया है। उन्होंने बताया कि इस बारे में यमुनानगर से विधायक घनश्याम दास अरोड़ा व प्रशासनिक अधिकारियों से मिला जाएगा।