प्रदेश से बाहर नहीं होंगे स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के डिस्टेंस कैम्पस
सोनीपत के राई स्थित प्रदेश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का प्रदेश से बाहर (अन्य राज्यों) विस्तार नहीं हो सकेगा। यह यूनिवर्सिटी केवल हरियाणा के जिलों में ही अपने डिस्टेंस कैम्पस (दूरस्थ कैम्पस) स्थापित कर सकेगी। स्पोर्ट्स कॉलेज, रिजनल सेंटर (क्षेत्रीय केंद्र) और स्टडी सेंटर (अध्ययन केंद्र) भी स्थापित होंगे। प्रदेश की नायब सरकार ने इसके लिए हरियाणा खेलकूद विश्वविद्यालय-2022 में संशोधन का फैसला लिया है।
हरियाणा विधानसभा के चालू बजट सत्र के दौरान ही संशोधित विधेयक पेश किया जा सकता है। प्रदेश के खेल मंत्री गौरव गौतम विधानसभा के चालू बजट सत्र के दौरान ही संशोधित विधेयक रखेंगे। इस पर चर्चा के बाद इसे पास किया जाएगा। पूर्व की मनोहर सरकार ने 2022 में यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी। हालांकि, मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में खेल मंत्री रहते हुए अनिल विज ने यूनिवर्सिटी का विधेयक पेश किया था।
इसमें कुछ तकनीकी खामियां होने की वजह से इसे वापस लिया गया। बाद में मनोहर सरकार के दूसरे कार्यकाल में उस समय खेल मंत्री रहे सरदार संदीप सिंह ने विधेयक पेश किया था। हरियाणा सरकार मूल रूप से पानीपत जिला के रहने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी (सेवानिवृत्त) और उत्तराखंड के डीजीपी रहे अशोक कुमार अग्रवाल को यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर लगाया हुआ है। अशोक अग्रवाल यूनिवर्सिटी में कई नये कोर्स शुरू कर चुके हैं। वर्तमान में यूनिवर्सिटी मोतीलाल नेहरू स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स, राई (सोनीपत) के कैम्पस में ही चल रहा है।
ये होंगे संशोधन
प्रदेश में पहले से मौजूद खेल यूनिवर्सिटी के कानून के दो ‘ट’ और ‘ण’ प्वाइंट्स में संशोधन होगा। ‘ट’ में रखे गए ‘निधि’ को सरकार ने विश्वविद्यालय की निधि के रूप में परिभाषित किया है। यानी यूनिवर्सिटी को आर्थिक तौर पर मजबूत किया जाएगा और इसके फंड का इस्तेमाल जिलों में कैम्पस व सेंटर स्थापित करने पर होगा। ‘ट’ में दूरस्थ कैम्पस को लेकर स्पष्ट किया है कि यूनिवर्सिटी दूसरे किसी भी प्रदेश में स्थापित कॉलेज, डिस्टेंस सेंटर या स्टडी सेंटर आदि को संबद्धता (एफिलेशन) नहीं दे सकेगी। हालांकि सभी का मुख्यालय सोनीपत ही रहेगा।
इसलिए करना पड़ा बदलाव
दरअसल, पुराने कानून के तहत यूनिवर्सिटी के पास दूसरे राज्यों के स्टडी सेंटर व डिस्टेंस सेंटर को एफिलेशन देने का प्रावधान था। यूजीपी ने इसे नियमों के विपरीत बताया। इससे स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की संबद्धता पर भी तलवार लटक गई। वीसी अशोक कुमार अग्रवाल ने यूजीपी में शपथ-पत्र देकर कहा कि सरकार इसके लिए कानून में संशोधन करेगी। इससे यह संशोधित विधेयक सदन में पेश किया जा रहा है ताकि यूनिवर्सिटी को मिली अस्थाई मान्यता की जगह यूजीपी से स्थाई मान्यता मिल सके।