प्रदेश में स्थापित होंगी 500 ‘सीएम पैक्स’, गांवों में होंगी कमर्शियल गतिविधियां
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 2 जनवरी
हरियाणा में सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए नायब सरकार ने विशेष खाका तैयार किया है। प्रदेश में सहकारिता विभाग के अंतर्गत चल रही पैक्स सोसायटियों (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों) से अलग राज्य में 500 ‘सीएम पैक्स’ स्थापित की जाएंगी। यह संख्या पहले चरण के लिए है। फिलहाल चार से पांच या इससे अधिक गांवों का कलस्टर बनाकर सीएम पैक्स स्थापित होंगी।
अगले चरण में प्रदेश के सभी बड़े गांवों में सीएम पैक्स स्थापित करने की योजना है। सीएम पैक्स यानी कम्प्रेहेंसिव मल्टी पर्पज एक्टिविटी को-ऑपरेटिव सोसायटी ना केवल सहकारिता क्षेत्र के विस्तार में अहम भूमिका निभाएंगी बल्कि इससे रोजगार के नये अवसर भी पैदा होंगे। इतना ही नहीं, ये सोसायटियों अपने पैरों पर खड़ी रह सकें और मुनाफे में काम कर सकेंगे, इसके लिए इन्हें पूरी तरह प्राइवेट कंपनियों की तर्ज पर चलाया जाएगा।
ये पैक्स अपने खुद के पेट्रोल पंप, अनाज के गोदाम, कुटीर उद्योग, स्टोर सहित कई तरह की कमर्शियल एक्टिविटी कर सकेंगी। केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह इस संदर्भ में सभी राज्यों को हिदायतें भी दे चुके हैं। केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने ही पैक्स का नया मॉडल लागू करने का फैसला लिया है। इसी के तहत हरियाणा सरकार ने पहले चरण में प्रदेश में 500 ‘सीएम पैक्स’ स्थापित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश में पहले से चल रही पैक्स सोसायटियों से सीएम पैक्स पूरी तरह से अलग होंगी।
सीएम पैक्स को लेकर राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ़ अरविंद शर्मा द्वारा अधिकारियों के साथ कई बार बैठकें भी की जा चुकी हैं। सहकारिता मंत्री इस संदर्भ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ भी विस्तार से चर्चा कर चुके हैं। वहीं हरियाणा स्टेट कापरेटिव अपैक्स बैंक (हरको) के चेयरमैन हुकुम सिंह भाटी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार ने सभी गांवों में पैक्स स्थापित करने का निर्णय लिया है। पहले चरण में 500 गांवों में सीएम पैक्स स्थापित की जाएंगी। 31 मार्च तक इसे सिरे चढ़ाने का प्लान है।
मुनाफे में भागीदार होंगे पैक्स मेंबर
‘सीएम पैक्स’ की शुरुआत में ही सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इसके मुनाफे में पैक्स के मेम्बर भी भागीदार होंगे। पांच एकड़ तक जमीन वाले किसानों और गैर-कृषि कार्यों में लगे लोगों के सहयोग से सीएम पैक्स शुरू होंगी। एक पैक्स में कम से 11 सदस्य अनिवार्य हैं। अधिकतम सदस्यों की संख्या पर किसी तरह की केप नहीं है। सीएम पैक्स खोलने के नियमों और इसके सदस्यों से जुड़ी शर्तों को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने और भी सरल कर दिया है। पहले सीएम पैक्स में सदस्यों के लिए 20 हजार रुपये प्रति सदस्य फीस थी। अब इसे घटाकर एक हजार रुपये किया है। इतना ही नहीं, यह राशि भी रिफंडेबल रहेगी।
ये काम करेंगी सीएम पैक्स
सहकारिता विभाग के अंडर पहले से चल रही पैक्स किसानों को फसली कर्जा देने का काम भी करती हैं। बड़ी संख्या में पैक्स घाटे में चल रही हैं। इसी से निपटने के लिए केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने पैक्स के लिए नया फार्मूला तैयार किया है। सीएम पैक्स राज्य में पेट्रोल पंप लगा सकेंगी। अनाज के गोदाम बनाए जा सकेंगे। गांवों में फसल खरीदकर उन्हें गोदामों में स्टोर करने, उचित समय आने पर फसल बेचने, खाद्य वस्तुएं बनाने और कुटीर उद्योग लगाने का काम सीएम पैक्स कर सकेंगी।
10 एफपीओ का गठन
अपैक्स बैंक ने राज्य में 10 एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन) का भी गठन किया है। एफपीओ में 300 तक लोगों को सदस्य बनाया जा सकता है। फिलहाल प्रत्येक एफपीओ में 20-20 लोगों को शामिल करते हुए इनकी शुरुआत की है। इनमें पांच एकड़ जमीन से अधिक वाला किसान भी शामिल हो सकता है। सरकार का मानना है कि सीएम पैक्स के जरिये प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को और मजबूत किया जा सकेगा।
केंद्र सरकार की यह बेहद महत्वाकांक्षी योजना है। इसे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व सहकारिता मंत्री डॉ़ अरविंद शर्मा ने राज्य में लागू करने में रुचि दिखाई है। सीएम पैक्स प्राइवेट कंपनियों की तर्ज पर काम करेंगी। सीएम पैक्स के जितने भी सदस्य होंगे, उन्हें लाभांश में हिस्सेदारी भी मिलेगी।- ~
-हुकुम सिंह भाटी, चेयरमैन, हरको बैंक