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प्रदूषण विभाग की टीम ने राइस मिल को किया सील

05:54 AM Jul 10, 2025 IST
प्रदूषण विभाग की टीम ने राइस मिल को किया सील
चीका के गुप्ता एग्रो प्रोडक्ट के गेट पर प्रदूषण विभाग द्वारा लगाई गई सील। -निस
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जीत सिंह सैनी/निस

गुहला चीका, 9 जुलाई
चीका खुशहाल माजरा रोड पर स्थित एक राइस मिल मालिक अपने मिल का दूषित पानी पिछले कई वर्षों से जमीन के अंदर डाल रहा था, जिससे जमीन के नीचे का पानी खराब हो रहा है। इस राइस मिल को प्रदूषण विभाग ने सील कर दिया है।
प्रदूषण विभाग कैथल को सूचना मिली थी कि चीका खुशहाल माजरा रोड पर स्थित गुप्ता एग्रो प्रोडक्ट का मालिक अपने मिल से निकलने वाले दूषित पानी व टाॅयलेटों का गंदा पानी एक बोरवैल के द्वारा जमीन के अंदर डाल रहा था। इसी बोरवैल द्वारा बरसात का पानी भी जमीन के अंदर भेजा जाता था। सूचना मिलने के बाद विभाग की टीम ने राइस मिल से पानी का सैंपल लेकर जांच के लिए लैबोरेटरी में भेजा और यह सैंपल फेल पाया गया है। सैंपल फेल आने के बाद विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राइस मिल को सील कर दिया है।
बता दें कि गुहला चीका में लगभग 125 राइस मिल हैं। इनमें से बहुत सारे राइस मिलों में प्रदूषण की शर्तें पूरी न करने सहित दूसरी कई तरह की अनियमितताएं है। कुछ राइस मिल मालिक मिल से निकलने वाले दूषित पानी को सड़क पर खुला छोड़ देते हैं तो कुछ इस पानी को बोरवैल के माध्यम से जमीन के अंदर डाल जमीनी पानी को जहरीला बन रहे हैं, जिससे क्षेत्र में कैंसर, काला पीलिया, थाइराइड, चर्म रोग जैसी बीमारियां पनप रही हैं।
ह्यूमन राइट कमीशन में की है अपील
गांव खुशहाल माजरा के आसपास लगभग 40 राइस मिल हैं। इनमें से कई राइस मिलरों द्वारा दूषित पानी जमीन के नीचे डालने से खुशहाल माजरा, सदरेहड़ी, डेरा भाग सिंह, कल्लर माजरा, गुहला, नंदगढ़ आदि गांवों का जमीन पानी इतना जहरीला हो गया है कि वह पीने के लायक नहीं बचा है। खुशहाल माजरा के सरपंच गुरजंट सिंह, पंच गुरमेज सिंह, पंच प्रवीन कुमार, सतनाम सिंह ने बताया कि ग्रामीणों ने दो साल पहले ह्यूमन राइट कमीशन में अपील कर राइस मिलों के दूषित पानी को जमीन के अंदर छोड़े जाने पर रोक लगाने की मांग की थी। गुरजंट ने आरोप लगाया कि प्रदूषण विभाग के अधिकारी राइस मिल मालिकों के साथ मिलीभगत कर गलत रिपोर्ट बनाकर सरकार व कमीशन को गुमराह करते हैं, जिससे इन मिलरों के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं हो पाती है।
''चीका स्थित गुप्ता एग्रो प्रोडक्ट के मालिक द्वारा राइस मिल के अंदर बनी टॉयलेटों व मिल का गंदा पानी बोरवैल के द्वारा जमीन के अंदर डाला जा रहा था। इस पानी का सैंपल जांच के लिए लैबोरेटरी में भेजा गया था जो फेल आया है। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद राइस मिल को सील कर उचित कार्रवाई शुरू कर दी गई है।''
-प्रदीप सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदूषण विभाग, कैथल

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