प्रकृति और स्त्री एक दूसरे के पर्याय : डा. सुधा
हरियाणा पुलिस द्वारा ज्ञान को शक्ति के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। यह प्रयोग भारत में पहली बार किसी राज्य में हो रहा है। पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर के नेतृत्व में पहले बिजली विभाग द्वारा पैंतीस ग्रामीण पुस्तकालय और अब पुलिस लाइन में पैंतीस पुस्तकालय कुल सत्तर पुस्तकालय के संचालन ने युवा पीढ़ी में एक नयी जागृति पैदा की है। जिससे आने वाले समय में जमाना दूरगामी परिणाम देखेगा। यह बातें शुरूआत समिति हरियाणा की पहल पर पंजाब नेशनल बैंक के सौजन्य से ‘प्रकृति रक्षा में साहित्य’ विषय प्रख्यात लेखिका एवं सीनियर प्रोफेसर दिल्ली विश्वविद्यालय डा. सुधा सिंह ने विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर एवं विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर राजकीय महिला महाविद्यालय सेक्टर-11 चंडीगढ़ में रूबरू होते हुए कहीं। इस अवसर पर डा. सुधा ने कहा कि हिन्दी साहित्य में प्रकृति वर्णन एक धरोहर की तरह है, उन्होंने कहा कि वेद की ऋचाओं से लेकर समकालीन हिन्दी साहित्य में प्रकृति वर्णन हिन्दी साहित्य को समृद्ध करता है।
उन्होंने स्त्री संदर्भों को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रकृति और स्त्री एक दूसरे के पर्याय हैं। स्त्री में प्रकृति की तरह दूसरों को धारण करने की क्षमता है। स्त्री संतति को जन्म देती है। इसलिए सभ्यताएं आगे बढ़ती हैं।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा. राजेश प्रसाद, जोनल मैनेजर पंजाब नेशनल बैंक चंडीगढ़ ने कहा कि हिन्दी स्वाभिमान की भाषा है, पंजाब नेशनल बैंक लाला लाजपत राय के सपनों को साकार करने का संस्थान है। हम केवल वित्तीय प्रबंध नहीं करते बल्कि हिन्दी हमारी मातृभाषा है, राष्ट्भाषा है, की अवधारणा को व्यवहार में अंगीकृत करते हैं।
अध्यक्षता करते हुए कालेज प्राचार्या डा. अनीता कौशल ने कहा कि लोहड़ी और मकर संक्रान्ति से पहले कुंभ पर्व के अवसर पर हमारे परिसर के विद्यार्थी आज के विमर्श में ज्ञान गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्रोफेसर डा. अंबुज शर्मा ने कहा कि हमारा कालेज महिला महाविद्यालय है। यहां स्त्रीवादी लेखिका प्रो. सुधा सिंह का व्याख्यान स्त्री इतिहास का साक्षात दर्शन रहा। कार्यक्रम के संयोजन में पंजाब नेशनल बैक के राजभाषा अधिकारी संजीव जैन, विजय कुमार, डा. मोहनलाल जाट, , रीता राय, घनश्याम शर्मा, निशा ने सक्रिय सहयोग किया।