भिवानी, 20 मई (हप्र)हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंध सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के जिला प्रधान अजीत राठी, जिला सचिव सुमेर आर्य, कोषाध्यक्ष अनूप सिवाच, वरिष्ठ उपप्रधान अंजू देवी, प्रैस सचिव सुनील सुरा ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पेंशन संबंधित नीतियों पर अपनाए जा रहे दोहरे रवैये की संगठन कड़ी आलोचना करता है।उन्होंने कहा कि 5 साल के सांसदों व विधायकों के लिए पुरानी पेंशन और वह भी अलग- अलग टर्म के लिए अलग-अलग तथा अपने जिंदगी का बड़ा हिस्सा सरकारी सेवा में लगाने वाले कर्मचारी व शिक्षकों के लिए कोई पेंशन नहीं जो एनपीएस की जगह हरियाणा में यूनिफाइड पेंशन स्कीम की सरकार ने घोषणा की है।अध्यापक संघ ने दोहराई मांगेंउन्होंने कहा कि वर्तमान में लागू नई पेंशन योजना व सरकार द्वारा वर्तमान में घोषित यूनीफाइड पेंशन स्कीम कर्मचारी की सामाजिक सुरक्षा के साथ सरासर अन्याय है। अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम के नाम पर एक और भ्रमजाल खड़ा किया जा रहा है, जिसमें कर्मचारियों की पुरानी पेंशन की मांग को भटकाया जा सके। इसका हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ कड़ा विरोध करता है।उन्होंने कहा कि सरकार का यह मानना गलत है कि जब तक इसकी पोल खुलेगी तब तक 2-4 चुनाव और जीत जाएगी। कर्मचारी इसकी असलियत को समझते हैं पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों के लिए न केवल एक सम्मानजनक रिटायरमेंट की गारंटी थी बल्कि उसमें महंगाई भत्ते से जुड़ी वृद्धि, भविष्य के वेतन आयोग की शर्तों का लाभ और रिटायरमेंट के बाद मेडिकल क्लेम की सुविधा भी शामिल थी।यूपीएस को एक राजनीतिक जुमला बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे न तो सरकार का बोझ कम होगा ना ही कर्मचारी संतुष्ट होगें यह मात्रक कॉरपोरेट को देश लुटाने के लिए हो रहा है। पुरानी पेंशन योजना कोई खैरात नहीं बल्कि कर्मचारी का सेवा पश्चात अधिकार है सरकार को चाहिए कि वह स्पष्ट घोषणा कर ओपीएस को बहाल करें और यूपीएस जैसे भ्रमक प्रस्ताव को तत्काल वापस ले।