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पृथ्वी से 8.5 गुना बड़े ग्रह में मिले हैं जीवन के संकेत

05:00 AM Apr 18, 2025 IST
पृथ्वी से 8 5 गुना बड़े ग्रह में मिले हैं जीवन के संकेत
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की तस्वीर के आधार पर शोधकर्ताओं के अवलोकन चित्रण में एक लाल बौने तारे की परिक्रमा करता ग्रह। -रॉयटर्स
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नयी दिल्ली, 17 अप्रैल (एजेंसी)पृथ्वी से 8.5 गुना बड़ा एक ग्रह का पता चला है। इस ग्रह में जीवन के संकेत तो मिले ही हैं, साथ ही जिस तरह पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है, उसी तरह यह ग्रह भी एक तारे की परिक्रमा करता है। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा है कि इस बाह्यग्रह पर समुद्री जीवों द्वारा उत्पादित अणुओं के संकेत मिले हैं, जो सौरमंडल के बाहर जीवन का ‘अब तक का सबसे पुख्ता संकेत' हैं। शोधकर्ताओं को अभी और अधिक आंकड़ों की जरूरत है।
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अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक ‘के2-18 बी' सौरमंडल के बाहर का एक ग्रह है जो पृथ्वी से 8.5 गुना अधिक विशाल है, जहां पहले मीथेन (सीएच4) और कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) जैसे कार्बन युक्त अणु पाए गए हैं। यह बाह्यग्रह पृथ्वी से 120 प्रकाश वर्ष दूर है। के2-18बी पर इनका निर्माण कैसे हुआ, यह अब भी अज्ञात है।

प्रमुख अनुसंधानकर्ता एवं कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में खगोल भौतिकी और बाह्यग्रहीय विज्ञान के प्रोफेसर निक्कू मधुसूदन ने कहा कि यद्यपि वे आशावादी हैं, फिर भी के2-18बी पर पहले से अज्ञात रासायनिक प्रक्रियाएं कार्य कर रही हो सकती हैं, जो इन प्रेक्षणों का कारण हो सकती हैं। एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित अध्ययन में, टीम ने के2-18 के वायुमंडल में कार्बन युक्त गैसों- मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड के ‘प्रचुर' स्तर के साक्ष्य होने की जानकारी दी थी, जो हाइड्रोजन से समृद्ध पाया गया। अनुसंधान टीम ने डाइमेथिल सल्फाइड के ‘‘संभावित संकेत'' का भी पता लगाया था। माना जाता है कि यह अणु हाइसीन दुनिया (बाह्यग्रहों की श्रेणी जिसके वातावरण में हाइड्रोजन की प्रचुरता हो और समुद्र विद्यमान हो) में जीवन की भविष्यवाणी करता है।

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नासा की जेम्स वेब स्पेस दूरबीन से मिली तस्वीरें

इस अध्ययन में, ब्रिटेन के कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं के नेतृत्व में नासा की जेम्स वेब स्पेस दूरबीन से प्राप्त आंकड़ों और तस्वीरों का विश्लेषण किया गया तथा ‘डाइमिथाइल सल्फाइड' और ‘डाइमिथाइल डाइसल्फाइड' के संकेतों का पता लगाया जो कि समुद्री कवक जैसे सूक्ष्मजीवों द्वारा पृथ्वी पर उत्पादित होते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा, ‘हमें निश्चित रूप से नहीं पता था कि पिछली बार जो संकेत हमने देखा था, वह (डाइमिथाइल सल्फाइड) के कारण था या नहीं, लेकिन इसका संकेत मात्र ही हमारे लिए इतना रोमांचक था कि हमने एक अन्य उपकरण का उपयोग करके जेम्स वेब स्पेस दूरबीन से इसे दोबारा देखा।'

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