मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

पुनर्वास कालोनियों वाले घरों को मालिकाना हक न दिए जाने और प्रापर्टी टैक्स बढ़ाने का हुआ विरोध

06:28 AM Feb 08, 2025 IST
APP and Congress Municipal councilors protest during The General House Meeting of Municipal Corporation Chandigarh at Assembly Hall, MCC building, Sector 17, Chandigarh on Friday. Tribune photo: Vicky

नई मेयर की अध्यक्षता में नगर निगम की बैठक आयोजित

Advertisement

 

एस. अग्निहोत्री/ हप्र

Advertisement

मनीमाजरा (चंडीगढ़), 7 फरवरी

नगर निगम चंडीगढ़ की 345वीं सदन बैठक नई मेयर हरप्रीत कौर बबला की अध्यक्षता में शुक्रवार को संपंन हुई। बैठक में शहर की पुनर्वास कालोनियों वाले घरों को मालिकाना हक न दिए जाने पर आप के पार्षदों ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। इसके अलावा प्रापर्टी टैक्स बढ़ाने का विरोधी स्वर भी बैठक में जम कर देखने को मिला। नगर निगम में पहला प्रस्ताव पेश होते ही आम आदमी पार्टी के पार्षद रामचंदर यादव ने मेयर की वेल में एक पोस्टर लहराते हुए भारतीय जनता पार्टी मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिये। फिर नीचे धरने पर बैठ गए। उनका आरोप था कि शहर की पुनर्वास कालोनियों वाले घरों को मालिकाना हक नहीं दिया गया। उनके साथ आप के अन्य पार्षदों ने एकजुटता दिखाते हुए एक स्वर में विरोध करना शुरू कर दिया। ‘आप’ के पार्षदों का कहना था कि वह भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का विरोध कर रहे हैं, स्थानीय नेताओं का नहीं। उनके हाथों में लगी तख्तियों पर लिखा था झूठ की राजनीति करना बंद करो। कुछ देर बाद धरना प्रदर्शन बंद हुआ, फिर सदन की कार्रवाई शुरू हो सकी।

निगम सदन में एक टेबल्ड एजेंडा प्रस्तुत किया गया। जिसका विपक्ष के सभी पार्षदों ने विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद सत्ता पक्ष के पार्षदों ने भी विरोध किया। टेबल्ड एजेंडा में शहर के विकास के लिए कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रापर्टी टैक्स में वृद्धि करने का प्रस्ताव शामिल है। तात्पर्य यह था कि जहां पर प्रापर्टी का टैक्स 10 रुपये लगता है वहां नई वृद्धि के साथ वह 40 रुपये हो जायेगा। इसका जबरदस्त विरोध किया गया। विरोध को देखते हुए मेयर ने कहा कि इस प्रस्ताव के बारे में वह कुछ नहीं जानतीं क्योंकि उनके जरिये इसे सदन में नहीं लाया गया था। उन्होंने कहा कि मैं इसे टच तक नहीं करूंगी।

बीच में निगम कमिश्नर ने दखल देते हुए कहा कि यह एजेंडा कमिश्नर की तरफ से लाया गया है, क्योंकि निगम की वित्तीय हालत ज्यादा खराब हो चुकी है। उनका कहना था कि स्टाफ को इस माह का वेतन तो जैसे-तैसे करके दे दिया गया है। किंतु अगले माह के वेतन का कोई इंतजाम नहीं है। इस प्रकार निगम को प्रापर्टी टैक्स में बढ़ोतरी के अलावा और कोई माध्यम नहीं दिखाई पड़ रहा है। इस बात को लेकर नगर निगम सदन बैठक में मेयर और कमिश्नर के बीच पहली बार मतभेद उभरकर सामने आये।

सांसद मनीष तिवारी ने निगम सदन में मौजूद सभी पार्षदों को सीख दी कि चंडीगढ़ की सुंदरता और सौम्यता की केवल देश ही नहीं, अपितु विदेशों में भी चर्चा होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि चंडीगढ़ शैक्षणिक योग्यता में देश के बेहतरीन शहरों में से एक है। इसलिए उसने स्वच्छता, साफ सफाई सड़कों, शैक्षणिक संस्थानों में भी अपनी योग्यता साबित की है। उनके संबोधन का निगम सदन के सभी पार्षदों ने मेजें थपथपा कर स्वागत किया।

 

Advertisement