पिहोवा में अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव शुरू
सुभाष पौलस्त्य /निस
पिहोवा, 29 जनवरी
पिहोवा के पवित्र सरस्वती तट पर अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का आयोजन बुधवार को हुआ। इसका शुभारंभ हवन-यज्ञ के साथ किया गया। महोत्सव का उदघाटन सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बोर्ड के चेयरमैन अमरपाल राणा, गौसेवा आयोग हरियाणा के चेयरमैन श्रवण गर्ग तथा भाजपा नेता जय भगवान शर्मा डीडी ने किया। अमरपाल राणा ने कहा कि पिहोवा में अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव का इतने बड़े स्तर पर आयोजन होना गर्व की बात है। गीता महोत्सव की तर्ज पर मनाए जाने वाले सरस्वती महोत्सव को जो स्वरूप सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड देना चाहता था, वह यहां पर देखने को मिला है। पिहोवा एक ऐसा पवित्र स्थल है, जहां पर सरस्वती की धारा बहती हुई दिखाई देती है। पूर्वजों के पिंडदान के लिए भी पिहोवा शहर की बहुत मान्यता है। श्रवण गर्ग ने महोत्सव के सफल आयोजन पर प्रशासन के अधिकारियों तथा सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से क्षेत्र की पहचान होती है। जय भगवान शर्मा डीडी ने कहा कि महोत्सव ने पिहोवा का नाम विश्व स्तर पर बढ़ा दिया है। इस मौके पर स्कूलों के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दीं। विभिन्न लोक कलाकारों द्वारा राजस्थानी व हरियाणवी प्रस्तुतियां दीं। महोत्सव में सरस्वती क्लब हरियाणा जींद द्वारा रितु शर्मा की टीम ने हरियाणा लोकगीत व नृत्य की प्रस्तुति दी। इस मौके पर जिला परिषद चेयरमैन कंवलजीत कौर, नगरपालिका चेयरमैन आशीष चक्रपाणि, एसडीएम अमन कुमार, तहसीलदार विनती, युधिष्ठिर बहल उपस्थित रहे।
सरस्वती के तट पर शिल्पकला के ‘दर्शन’
पिहोवा के विश्व प्रसिद्ध सरस्वती नदी के तट पर भारतीय शिल्पकला के दर्शन किए जा सकते हैं। यह शिल्पकला अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में सहजता से देखी जा रही है। पर्यटकों और श्रद्धालुओं को देश के विभिन्न राज्यों की शिल्पकला को देखने का सुनहरी अवसर हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड द्वारा मुहैया करवाया गया है। उपमंडल अधिकारी नागरिक अमन कुमार ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में देश के विभिन्न कोनों से शिल्पकार अपनी कला को लेकर पिहोवा नगर वासियों के लिए विशेष तौर पर पहुंचे है। इसमें लकड़ी का सामान, महिलाओं द्वारा घर की सजावट के लिए हाथ से बना समान, मिट्टी के बर्तन शामिल हैं। हजारों वर्ष पुरानी सरस्वती नदी के इतिहास को लेकर लगाई प्रदर्शनी को 4 फरवरी तक देखा जा सकता है। सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि विभिन्न विभागों की लगाई गई स्टॉलों में सरस्वती नदी के उद्गम स्थल से गुजरात के अहमदाबाद में सरस्वती बांध का दृश्य एवं इसके बाद संगम का दृश्य दर्शाया गया है।
भक्ति रस से सराबोर हुआ तीर्थ स्थल
पिहोवा (निस) : अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में पहली बार हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की तरफ से पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर कथा प्रवचन के लिए 2 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कथा के पहले दिन दिव्य ज्योति जागृति संस्थान से कथावाचक साध्वी गौरी ने भगवान श्रीराम की महिमा का गुणगान किया। प्रवचन करते हुए साध्वी गौरी ने भगवान श्रीराम के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रत्येक मानव को मोक्ष की प्राप्ति और अपने जीवन को सफल बनाने के लिए नियमित रूप से जय-जय राम, जय-जय राम का गुणगान करना चाहिए। भगवान श्रीराम ने अपना पूरा जीवन त्याग करके पूरी दुनिया के सामने मर्यादा पुरुषोतम राम को दर्शाया और बताने का प्रयास किया कि मानव को कभी भी लालच नहीं करना चाहिए, हमेशा धर्म का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज मानव को जागरूक होने और भगवान श्रीराम के दिखाए रास्ते पर चलने की जरूरत है। मनुष्य को अच्छा नागरिक बनने का प्रयास करना चाहिए।