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पिल्लूखेड़ा के स्कूल में चल रहा महर्षि जमदग्नि ऋषि महिला कॉलेज, बरामदे में क्लास

04:37 AM Apr 10, 2025 IST
पिल्लूखेड़ा के स्कूल में चल रहा महर्षि जमदग्नि ऋषि महिला कॉलेज  बरामदे में क्लास
पिल्लूखेड़ा में राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के बरामदे में बैठी महिला कॉलेज की छात्राएं। -निस
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रामकुमार तुसीर/निस
सफ़ीदों, 9 अप्रैल
गर्मियों में लू के थपेड़े और सर्दियों में कड़ाके की ठंड पिछले 6 साल से पिल्लूखेड़ा के महर्षि जमदग्नि ऋषि महिला कॉलेज की छात्राओं के सब्र की परीक्षा ले रही है। जब पढ़ाई का माहौल ही नहीं होगा कैसे पढ़ेगी और कैसे आगे बढ़ेगी यहां की बेटियां। यहां के कॉलेज की हालत देखकर यह सवाल जेहन में आता है।
पिल्लूखेड़ा के राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के भवन में लगाए जा रहे महर्षि जमदग्नि ऋषि महिला कॉलेज की छात्राओं की हालत दयनीय है और सरकार मूकदर्शक है। वर्ष-2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने पिल्लूखेड़ा में महिला कॉलेज की घोषणा की थी। पिल्लूखेड़ा का अपना कोई राजस्व अस्तित्व ही नहीं है और जमीन नहीं, इसलिए पास के गांव जामनी के महर्षि जमदग्नि ऋषि आश्रम के प्रबंधकों ने 8 एकड़ जमीन उच्चतर शिक्षा विभाग को ट्रांसफर कर दी थी। आज तक भवन का निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। स्कूल के भवन के ऊपरी हिस्से में 8 कमरे महिला कॉलेज को दिए गए, जिनमें दफ्तर, लाइब्रेरी भी हैं और कमरों का पार्टीशन कर जैसे-तैसे पढ़ाई की जा रही है। एक कमरे के आधे हिस्से मे क्लासरूम तथा आधे में दफ्तर या वाचनालय। बरामदे में क्लासें लगती हैं, जहां पढ़ाई से पहले गर्मियों में लू के थपेड़ों व सर्दियों में कड़ाके की ठंड से बचना जरूरी होता है। ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों से छात्राएं 6 साल से जूझ रही हैं। इस सत्र में 290 छात्राओं ने दाखिला लिया है और केवल आटर्स एवम कॉमर्स में पढ़ाई होती है। दाखले कम होने से साइंस की पढ़ाई नहीं होती। प्राचार्य डाॅ़ रणबीर सिंह ने बताया कि सरकार ने कॉलेज के भवन निर्माण के लिए लगभग 30 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया हुआ है। 12 अगस्त 2024 को सूचना मिली थी कि मुख्यमंत्री इसके भवन का डिजिटली शिलान्यास करेंगे। ऐन मौके पर कार्यक्रम रद्द होने की सूचना मिली और उसके बाद किसी तरह की कोई सूचना नहीं है।
लोकनिर्माण विभाग के भवन एवम मार्ग प्रभाग के कार्यकारी अभियंता राजकुमार नैन ने बताया कि कॉलेज के भवन के निर्माण को लेकर उनके पास कोई सूचना सरकार या किसी विभाग की तरफ से नहीं है।

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काॅलेज नहीं बनाना था तो जमीन क्यों ली
जामनी गांव के सरपंच दलबीर सिंगरोहा का सवाल है कि कॉलेज का भवन नहीं बनाना था तो उनके आश्रम की जमीन सरकार ने अपने नाम क्यों करा ली। छात्राओं में रोष है और वे कभी भी कालेज के लिए भवन की मांग के साथ सड़क जाम कर सकती हैं।

रामकुमार गौतम ने विस में उठाया था मामला
सफ़ीदों के भाजपा विधायक दादा रामकुमार गौतम ने विधानसभा में इस कॉलेज की बदहाली की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित किया और भवन निर्माण का अनुरोध किया था। विधानसभा सत्र में बताया था कि इस कॉलेज की बेटियां परेशानी में हैं।

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