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पानी की किल्लत के खिलाफ फूटा ग्रामीणों का गुस्सा, महिलाओं ने किया मटका फोड़ प्रदर्शन

04:50 AM Mar 08, 2025 IST
पानी की किल्लत के खिलाफ फूटा ग्रामीणों का गुस्सा  महिलाओं ने किया मटका फोड़ प्रदर्शन
नूंह जिले के गांव लफूरी में मटका फोड़कर प्रदर्शन करतीं महिलाएं। -हप्र
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गुरुग्राम, 7 मार्च (हप्र)
नूंह जिले के लफूरी गांव में पेयजल संकट के रोष में शुक्रवार को महिलाओं ने पानी के लिए बने चेंबर पर मटका फोड़कर प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ रोष जताया। साथ में चेताया कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ तो अगला प्रदर्शन पुन्हाना पहुंचकर जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों के दफ्तर के सामने किया जाएगा।

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लफूरी गांव निवासी अख्तर हुसैन, सलमा, जीना, असगरी, मुबीन, इरशाद, नियामत ने बताया कि उनके गांव में 10 साल पहले पेयजल किल्लत को देखते हुए बूस्टिंग स्टेशन बनवाया गया था। इस पर कुछ दिनों तक पानी की सप्लाई की गई और बाद में बंद हो गई। गांव में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया की रमजान का महीना चल रहा है और गांव में पीने का पानी नहीं है। हर महीने गांव वालों को लाखों रुपये खर्च कर प्यास बुझानी पड़ रही है। पिछले रमजान में अधिकारियों ने गांव में कुछ रोज़ टेंकरों से पानी पहुंचाया था और आश्वासन दिया था कि उनके लिए अलग लाइन बिछाकर पेयजल संकट को दूर किया जाएगा। उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों की समस्या जस की तस बनी हुई है।

ग्रामीण बोले- आगे जा रहा पानी, गांव में ही नहीं आ रहा

लोगों ने बताया कि गांव से आगे 50 किलोमीटर दूर तक पानी जा रहा है, लेकिन हमारे गांव में पानी नहीं आ रहा। ये सब जनस्वास्थ अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों की लापरवाही है। उन्होंने कहा कि कई बार शिकायत की है पर कोई सुनवाई नहीं हुई, सब मिले हुए हैं। वहीं इस समस्या को लेकर एसडीएम कुंवर आदित्या विक्रम का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। आज ही बीडीपीओ को बोलकर रिपोर्ट मंगाकर तुरंत समाधान करवाता हूं।

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खरीदकर पी रहे पानी

आरोप है कि जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी रमजान के महीने में भी गांव की सुध तक नहीं ले रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया की रमजान में लोग मेहनत-मजदूरी कर जैसे-तैसे अपने परिवार का पेट भर रहे हैं, वो पानी कहां से खरीदें। पानी की इतनी बड़ी परेशानी है कि पशुओं के लिए भी पानी पैसों से ख़रीदकर उनकी प्यास बुझानी पड़ रही है। इस और सरकार का कोई ध्यान नहीं है।

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