पाठकों के पत्र
गैस कीमत में बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने हाल ही में रसोई गैस की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दी। गांवों में आज भी कुछ लोग चूल्हे में लकड़ी और गोबर के उपले जलाकर खाना बनाते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। हालांकि, मोदी सरकार उज्ज्वला स्कीम के तहत गरीबों तक रसोई गैस पहुंचाने की कोशिश कर रही है, लेकिन गैस की कीमतों में वृद्धि से गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों पर बोझ बढ़ रहा है। सरकारें मुफ्त सेवाओं का बोझ महंगाई बढ़ाकर पूरा करती हैं।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
लापरवाही का नतीजा
देश में जहां एक तरफ रोज़ न जाने कितने लोगों को भोजन के अभाव में भूखा सोना पड़ता है, वहां पंजाब जैसे राज्य में कितना ही अनाज भंडारण के उचित प्रबंधन की कमी से बर्बाद हो रहा है। यह सरकार और अधिकारियों की लापरवाही का ही नतीजा है। या बिचौलियों की मनमानी का नतीजा। कारण कुछ भी हो, अनाज के भंडारण के पर्याप्त इंतजाम व वितरण की उचित व्यवस्था ही खाद्यान्न की बर्बादी को रोक सकती है।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली
विवादित टिप्पणी
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के गोशाला और गाय के गोबर पर दिए गए बयान से विवाद पैदा हो गया है। उन्होंने न केवल गोशालाओं की आलोचना की, बल्कि गाय के गोबर से दुर्गंध की बातें भी कीं, जबकि उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने गायों को सम्मान दिया और गोशालाएं चलाईं। यह बयान यादव समाज और उनके द्वारा गाय की पूजा को भी अपमानित करता है।
एमएम राजावत, न्यू रोड, शाजापुर
जीएसटी से मुक्त हो
एक तरफ सरकार शिक्षा पर जोर देते हुए पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करती है, तो दूसरी तरफ हर शिक्षण सामग्री पर जीएसटी लगाया हुआ है। महंगाई का दंश झेल रही जनता जनार्दन को महंगाई से मुक्ति के उपाय भी नहीं हो रहे हैं, जो तसल्ली देने वाले हों। कम से कम सरकार खाने-पीने व शिक्षण में उपयोग होने वाली सामग्री को तो जीएसटी से मुक्त रखे!
हेमा हरि उपाध्याय, खाचरोद, उज्जैन