पाठकों के पत्र
टैरिफ नीति
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के कारण ग्लोबल इकोनॉमी पर भारी दबाव बन रहा है। उनका रवैया वैश्विक व्यापार में गिरावट और मंदी का कारण बन रहा है। इससे अमेरिकी जनता पर भी बोझ बढ़ रहा है, जबकि भारत को दीर्घकालिक लाभ हो सकता है, विशेषकर अमेरिका के चीन विरोधी रुख के कारण। हालांकि, भारत को व्यापार अधिशेष और अमेरिकी दंडात्मक उपायों जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। भारत को अपनी व्यापार नीतियों को मजबूत कर अमेरिका के साथ संबंधों को सुदृढ़ करना होगा।
सुभाष बुड़ावनवाला, रतलाम, म.प्र.
व्यापार युद्ध की संभावना
आठ अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून के संपादकीय ‘टैरिफ का कहर’ में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रिसिप्रोकल टैरिफ नीति लागू करने से वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में उथल-पुथल का वर्णन किया गया है। कई देशों ने इसका विरोध किया है, और चीन ने विश्व व्यापार संगठन में इसे लेकर विरोध दर्ज कराया। भारत ने अभी अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है, लेकिन भारतीय शेयर बाजार को भी नुकसान हुआ है। ट्रंप की यह नीति अमेरिका में भी विरोध का कारण बनी है और व्यापार युद्ध की संभावना को बढ़ावा दिया है।
शामलाल कौशल, रोहतक
सकारात्मक प्रतिक्रिया
देशभर की वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए नया अधिनियम लागू हो गया है। इस अधिनियम में वक्फ संपत्तियों के प्रशासन में सुधार, इनके रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण, केंद्रीय पोर्टल पर अपलोड और विवाद समाधान के लिए तंत्र की स्थापना जैसे प्रावधान हैं। अधिनियम को लेकर देश भर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, जबकि नाराज़ पक्षों ने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया है। वैसे, राजनीतिक दृष्टिकोण से अलग हटकर देखें तो पारदर्शी प्रबंधन की शर्त पर यह विधेयक बुरा भी नहीं है।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.