मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

पाठकों के पत्र

04:05 AM Jan 24, 2025 IST
Hand Holding Pen

ट्रंप की नीतियों का असर
डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण के बाद विश्व शांति, युद्धों को रोकने के अलावा अमेरिका की सेना को विदेश भेजने के खिलाफ वादे किए। उन्होंने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए चीन और रूस से सहयोग की संभावना जताई। आयातों पर कर लगाने की चेतावनी दी। वहीं विदेशियों के जन्मजात नागरिकता हक की समाप्ति की घोषणा की, जिससे वहां भारत और अन्य देशों से आने वालों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
शामलाल कौशल, रोहतक

Advertisement

गलत बयानबाजी
अरविंद केजरीवाल ने रामायण के एक प्रसंग को लेकर गलत बयानी की है, जब उन्होंने कहा कि रावण स्वर्ण हिरण बनकर सीता के सामने आया, जो गलत है। असल में रावण साधु बनकर सीता का हरण करता है। यह गलत बयानबाजी दर्शाती है कि उन्होंने रामायण ठीक से नहीं पढ़ी। उन्हें हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिए।
एमएम राजावत, शाजापुर

अधिकारों पर सवाल
डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति का पदभार संभालते ही चौंकाने वाले निर्णय लिए हैं, जिसमें जन्म के आधार पर अमेरिकी नागरिकता न देना, केवल दो जेंडरों को मान्यता देना शामिल हैं। अजीब बात है कि अमेरिका इतना शक्तिशाली और विकसित देश होते हुए भी ट्रांसजेंडर को तीसरे जेंडर के दर्जे से कैसे अलग कर सकता है? आखिर उन्हें भी समाज में जीने का अधिकार है और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित करना ग़लत है।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली

Advertisement

फटकार से सुधार
बाईस जनवरी के दैनिक ट्रिब्यून में तिरछी नजर के अंतर्गत लेखक ने मजाक-मजाक में ही सही पत्नी को निहारने के आर्थिक और शाब्दिक जोखिमों से बड़े ‘सुरुचिपूर्ण’ ढंग से अवगत कराया है। पत्नी की फटकार ने तुलसीदास को वैराग्य की ओर प्रेरित किया, जबकि कालिदास की पत्नी ने उसे सुधार कर महाकवि बना दिया। यह दर्शाता है कि पत्नी की फटकार के परिणाम हर व्यक्ति के लिए अलग होते हैं, कभी सुधार तो कभी परिवर्तन लाते हैं।
ईश्वर चन्द गर्ग, कैथल

Advertisement