पाठकों के पत्र
किसान की स्थिति
ग्यारह जनवरी के दैनिक ट्रिब्यून में पंकज चतुर्वेदी का लेख ‘फसल खुद नष्ट कर रहे हैं किसान’ में किसानों की संकटपूर्ण स्थिति पर ध्यान दिलाया गया है। उन्हें फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा और वे घाटे में चल रहे हैं। अधिक उत्पादन के बावजूद किसानों का खर्चा पूरा नहीं होता, जिस कारण वे अपनी फसलें नष्ट कर रहे हैं। लेख में सुझाव दिया गया है कि सरकार को स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने चाहिए और बंपर फसल को कोल्ड स्टोरेज में संगृहीत करना चाहिए ताकि किसानों को नुकसान से बचाया जा सके।
शामलाल कौशल, रोहतक
सकारात्मक ऊर्जा का संदेश
मकर संक्रांति का पर्व हमें शुद्ध खानपान और सेहतमंद जीवन की शिक्षा देता है। खिचड़ी, जो भारत का प्राचीन और लाभकारी व्यंजन है, को सप्ताह में एक बार सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह पर्व भेदभाव न करने और सूर्य की तरह सभी को समान रूप से ऊर्जा देने का संदेश भी देता है। इसके अलावा, गंगा में स्नान की परंपरा स्वच्छता का प्रतीक है, लेकिन नदियों को गंदा करने से बचना चाहिए, ताकि हमारी संस्कृति अक्षुण्ण बनी रहे।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
लालच से बचें
आजकल ठगों ने मोटे ब्याज और एक्स्ट्रा इनकम के लालच में लोगों को फंसाने का जाल बिछा रखा है। पहले ऐसे ठग लोगों को मोटे रिटर्न का लालच देेते हैं, लोग भी लालच में आकर लाखों रुपये निवेश कर देते हैं। महिलाएं, खासकर आर्थिक मदद के लिए, इन धोखाधड़ी योजनाओं का शिकार हो रही हैं, जिसमें ज्वॉयनिंग फीस, ट्रेनिंग फीस या व्यक्तिगत जानकारी के बदले पैसे लिए जाते हैं। साइबर अपराध तेजी से फैल रहा है और वृद्ध भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। पुलिस जागरूकता अभियान चला रही है, लेकिन लोगों को स्वयं सतर्क रहना जरूरी है।
चंद्र प्रकाश शर्मा, दिल्ली