पाठकों के पत्र
डिजिटल शिक्षा का विस्तार
डिजिटलाइजेशन के दौर में यह जरूरी है कि हर बच्चे को कम्प्यूटर और इंटरनेट का ज्ञान हो। सरकार ने सरकारी स्कूल खोलकर समाज के निम्न वर्ग के बच्चों को शिक्षा की सहूलियत तो दी है, लेकिन क्या सभी स्कूलों में कंप्यूटर और इंटरनेट की सुविधाएं उपलब्ध हैं, खासकर गांवों, कस्बों और दूरदराज के इलाकों में? यह एक अहम सवाल है। ध्यान देना चाहिए कि क्या दसवीं और बारहवीं के बाद छात्र अपने कंप्यूटर ज्ञान को बनाए रखते हैं और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना पाते हैं? किसी भी टेक्नोलॉजी का व्यावहारिक उपयोग ही उसे जीवन में सफल बनाने के लिए जरूरी होता है। हम सुनिश्चित करें कि बच्चों को कंप्यूटर का ज्ञान उनके रोजमर्रा के जीवन में दिखे।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली
तनाव प्रबंधन जरूरी
आठ जनवरी के दैनिक ट्रिब्यून में डॉ. संजय वर्मा का आलेख ‘उत्पादकता बढ़ाने के लिए तनाव प्रबंधन जरूरी’ पढ़ा। निश्चय ही किसी भी उद्योग की सफलता उसके कर्मचारियों द्वारा पूर्ण मनोयोग से किए गए श्रम पर आधारित होती है। इसके लिए कार्य और जीवन में संतुलन होना चाहिए। कर्मचारी को परिवार के साथ भी समय बिताना चाहिए और अपने काम को भी सही तरीके से अंजाम देना चाहिए। उसे तमाम सुविधाएं मिलनी चाहिए ताकि वह तनावमुक्त होकर लक्ष्य प्राप्ति पर ध्यान केंद्रित कर सके। काम की गुणवत्ता होनी चाहिए, न कि श्रम की अधिकता।
भगवानदास छारिया, इंदौर, म.प्र.
सख्त सज़ा मिले
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक ठेकेदार ने पत्रकार की नृशंस हत्या कर दी, क्योंकि उसने ठेकेदार के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था। यह जघन्य अपराध और क्रूरता है, जो देश के धर्म का पालन करने वाले युवक के साथ अन्याय है। यह जघन्य अपराध है। ऐसे अपराधियों को सख्त सज़ा दी जाए।
लक्ष्मीकांता चावला, अमृतसर