पाठकों के पत्र
राजनीति के अटल
पच्चीस दिसम्बर के दैनिक ट्रिब्यून में प्रधानमंत्री के लेख ‘शुचिता की राजनीति के अटल सत्य’ में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर उनके योगदान को सराहा गया है। अटल जी ने राजनीति में शुचिता और तर्कपूर्ण संवाद को बढ़ावा दिया। उनका कार्यकाल विपक्ष की आलोचनाओं का सम्मानपूर्वक उत्तर देने का उदाहरण था। उन्होंने संविधान के मूल्यों का संरक्षण किया और भारतीय संस्कृति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया, जैसे संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण देना।
जयभगवान भारद्वाज, नाहड़, रेवाड़ी
वैक्सीन में स्वावलंबी
भारत में बढ़ते कैंसर के मामलों को देखते हुए रूस द्वारा विकसित कैंसर रोधी वैक्सीन से कुछ हद तक नियंत्रण संभव हो सकता है। संजय वर्मा के आलेख ‘कैंसर के खिलाफ जंग में जगी उम्मीदें’ में इसे मानव कल्याण के लिए जीवन रक्षक बताया गया है। जैसे भारत ने कोरोना काल में विदेशी वैक्सीन भेजी, वैसा ही कैंसर रोधी वैक्सीन रूस से मिल सकता है। हालांकि, भारत के वैज्ञानिकों को इस दिशा में निरंतर प्रयास जारी रखना चाहिए, ताकि हम इस मामले में भी स्वावलंबी बन सकें।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन
अवैध विदेशी घुसपैठ
भारत में अवैध विदेशी घुसपैठियों, खासकर बांग्लादेशी नागरिकों, की पहचान और कानूनी कार्रवाई आवश्यक है। इसके लिए सरकार को सीमा सुरक्षा को मजबूत करने, पहचान प्रणाली को प्रभावी बनाने, नकली दस्तावेज़ बनाने वालों को सजा देने और सभी विदेशी नागरिकों के पास वैध दस्तावेज़ सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। यह एक समग्र दृष्टिकोण अपनाकर विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से हल किया जा सकता है, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
सुभाष बुड़ावनवाला, रतलाम, म.प्र.