मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

पांच साल में सीएसआर फंड से मिले हरियाणा को 2850 करोड़

05:00 AM Dec 05, 2024 IST
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 4 दिसंबर
कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) के मार्फत हरियाणा में पिछले पांच वर्षों में विभिन्न सामाजिक व विकास कार्यों पर 2850 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुए हैं। यह फंड हासिल करने में प्रदेश के तीन जिले- गुरुग्राम, फरीदाबाद व झज्जर सबसे अव्व्ल हैं। सीएसआर के तहत हरियाणा में सबसे अधिक पैसा शिक्षा के क्षेत्र पर खर्च हुआ है। इसके तहत न केवल स्कूलों-कॉलेजों में काम हुआ है, बल्कि गांवों व शहरों में आधुनिक लाइब्रेरी भी स्थापित हुई हैं। देशभर के विभिन्न राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में सीएसआर फंड से पांच वर्षों 2018-19 से 2022-23 तक की अवधि में एक लाख 28 हजार करोड़ रुपये के लगभग पैसा खर्च हुआ है। इस अवधि में हरियाणा के हिस्से में 2850 करोड़ रुपये आए हैं। हरियाणा सरकार ने सीएसआर फंड के खर्च करने व इसकी मॉनिटरिंग के लिए विशेष सैल बनाया हुआ है। हरियाणा के 22 जिलों में सीएसआर के तहत मिलने वाले फंड में साल-दर-साल बढ़ोतरी होती चली गई। दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए नियमों के तहत कॉरपोरेट, कंपनियों, इंडस्ट्री आदि को हर साल कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत सामाजिक व विकास कार्यों पर पैसा खर्च करना होता है। कंपनियां अपने हिसाब से सीएसआर का फंड इस्तेमाल कर देती थी। इसी को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने इसके लिए नियम तय किए और इसकी मॉनिटरिंग भी शुरू की। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के दौरान महिला पंचों को सीएसआर के तहत स्कूटी मुहैया करवाई थीं।

Advertisement

हरियाणा में 2018-19 के दौरान सीएसआर फंड से 378 करोड़ 11 लाख रुपये, 2019-20 में 537 करोड़ 91 लाख, 2020-21 में 550 करोड़ 86 लाख, 2021-22 में 683 करोड़ 95 तथा 2022-23 में 700 करोड़ 16 लाख रुपये से अधिक खर्च किए गए। भिवानी-महेंद्रगढ़ सांसद धर्मबीर सिंह ने लोकसभा में सीएसअार फंड का मामला उठाया। उनके सवाल के जवाब में केंद्रीय कॉरपोरेट कार्य मामले मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने यह जानकारी दी।

केंद्र ने तय किए हैं क्षेत्र

Advertisement

सीएसआर फंड का पैसा किन-किन क्षेत्रों व कार्यों पर खर्च किया जा सकता है, इसके लिए केंद्र सरकार ने कानून बनाया हुआ है। इसी के तहत यह पैसा खर्च किया जा सकता है। सीएसआर का पैसा बच्चों, महिलाओं बुजुर्गों व दिव्यांगों की सुविधाओं के साथ-साथ आजीविका वृद्धि परियोजनाओं, शिक्षा में सुधार, स्वास्थ्य क्षेत्र तथा रोजगार वृद्धि आदि क्षेत्रों में किया जा सकता है। कंपनी के बोर्ड की ओर से सीएसआर फंड का उल्लेख अपनी रिपोर्ट में भी करना अनिवार्य किया गया है ताकि इसमें किसी तरह की गड़बड़ ना हो सके।

इन सेक्टर में खर्च हुआ पैसा

हरियाणा में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, कौशल प्रशिक्षण के अलावा कृषि वानिकी, पशु कल्याण, सशस्त्र बल, बुजुर्गों, शहीद विरांगनाओं, कला और संस्कृति, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, पर्यावरण सुधार, लैंगिक समानता, आजीविका संवर्द्धन परियोजनाओं के अलावा गरीबी, भूखमरी उन्मूलन व कुपोषण कार्यक्रम पर सीएसआर फंड खर्च हुआ। इसी तरह से स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता, वरिष्ठ नागरिक कल्याण, महिलाओं के लिए घरों एवं छात्रावासों का निर्माण, अनाथालय की स्थापना, स्लम क्षेत्र विकास, सामाजिक-आर्थिक असमानाएं व महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रमों में भी फंड का इस्तेमाल हुआ।

शिक्षा पर खर्च हुए 990 करोड़

हरियाणा में अकेले शिक्षा क्षेत्र में सीएसआर फंड से 990 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इसके तहत स्कूलों में कमरों का निर्माण, शौचालय, अन्य सुविधाओं के अलावा लाइब्रेरी व लैब आदि पर यह पैसा खर्च हुआ है। इतना ही नहीं, विशेष शिक्षा पर भी पांच वर्षों के दौरान 45 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए।

स्वास्थ्य सेवाओं पर 612 करोड़

गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार पर भी सीएसआर फंड के तहत पांच वर्षों की इस अवधि में 612 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए। फंड के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्रों में बिस्तर व विभिन्न प्रकार के चिकित्सा उपकरण उपलब्ध करवाए गए। वहीं ग्रामीण विकास पर सीएसआर फंड से 167 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

युवाओं को किया गया ट्रेंड

प्रदेश के युवाओं को व्यावसायिक ट्रेनिंग के कार्यक्रम भी सीएसआर फंड के जरिये चलाए गए। इस सेक्टर में पांच वर्षों में 240 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करके युवाओं को ट्रेनिंग दी गई। इतना ही नहीं, प्रदेश के खिलाड़ियों की खेल सुविधाओं पर सीएसआर फंड से 23 करोड़ खर्चे गए। खिलाड़ियों को खेलों का सामान भी इस पैसे से मिला।

 

Advertisement