पांच मिनट के लिए लगा हम अब जिंदा नहीं बचेंगे...
तिरुपति (आंध्र प्रदेश), 9 जनवरी (एजेंसी)
तिरुपति में बुधवार को हुई भीषण भगदड़ में जीवित बचे लोग जब इस भयावह मंजर को याद कर इसका जिक्र करते हैं तो उनकी आंखों में घटना का खौफ साफ नजर आता है। घटना में जीवित बची एक पीड़ित ने कहा कि पांच मिनट तक उन्हें ऐसा लगा मानो अब जिंदा नहीं बचेंगे। उल्लेखनीय है कि तिरुमला पर्वतीय क्षेत्र में स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में बुधवार रात को वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए टिकट लेने के दौरान मची भगदड़ में कम से कम छह श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 से अधिक लोग घायल हो गए। भगदड़ की घटना में घायल हुए लोगों में से 20 को अब तक छुट्टी दे दी गई है। पीड़ित डी. वेंकट लक्ष्मी ने बताया कि पांच मिनट के लिए तो ऐसा लगा कि मानो हम सब जिंदा नहीं बचेंगे। मैं पिछले 25 वर्षों से मंदिर में आ रही हूं और ऐसा कभी नहीं हुआ।’ उन्होंने कहा कि कुछ लड़कों ने उन्हें एक तरफ खींचा और पीने के लिए पानी दिया। लक्ष्मी के अनुसार, लोग आगे बढ़े और जहां वह खड़ी थीं वहां बहुत से लोग गिर पड़े। उन्होंने कहा, ‘मैं शोर मचा रही थी कि मैं एक तरफ गिर रही हूं, लेकिन लोग पीछे से दौड़ रहे थे और उन्हें काबू में नहीं किया जा सका। मुझे नहीं पता कि वे आगे बढ़ रहे थे या नहीं, लेकिन वे लोग बेकाबू हो गए थे। लोग श्रद्धालुओं के ऊपर से गुजर रहे थे। मैं काफी देर तक सांस भी नहीं ले पाई।’ एक अन्य श्रद्धालु ने बताया कि पुलिस ने अचानक गेट खोल दिया, जिसके कारण भगदड़ मच गई।
मुख्यमंत्री ने की घायलों से मुलाकात
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू तिरुपति में भगदड़ में घायल लोगों का हालचाल जानने के लिए बृहस्पतिवार को अस्पताल पहुंचे। मुख्यमंत्री ने घायल श्रद्धालुओं के साथ एक-एक कर मुलाकात की और उनकी शिकायतें सुनीं। इससे पहले, नायडू ने भगदड़ वाली जगह का निरीक्षण किया और वैकुंठ द्वार दर्शनम के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को संभालने के लिए किए गए इंतजामों का जायजा लिया। भगदड़ वाली जगह के निरीक्षण के दौरान नायडू ने टीटीडी की संयुक्त कार्यकारी अधिकारी (स्वास्थ्य और शिक्षा) एम गौतमी से घटना के संबंध में जवाब मांगा।