पत्र
सुधारवादी दृष्टिकोण
उन्नीस दिसंबर के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘दानव नहीं नशेबाज’ अदालत द्वारा नशीले पदार्थों का प्रयोग करने वाले व्यक्तियों को अपराधी न समझने की सलाह देने वाला था! देश में, विशेष तौर पर पंजाब में, युवाओं में नशीले पदार्थों का प्रयोग बहुत तेजी से बढ़ रहा है! ऐसे में ऐसे युवकों को हीन भावना तथा नफरत से देखा जाता है। समाज तथा सरकार को उनके प्रति सुधारवादी दृष्टिकोण अपनाते हुए संवेदनशीलता तथा मानवता का व्यवहार करना चाहिए! समाज तथा सरकार को इन लोगों द्वारा नशे की गिरफ्त में जाने के कारणों को रोकना चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक
मलेरिया उन्मूलन
सत्रह दिसंबर के दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित सम्पादकीय ‘काबू में मलेरिया’ में डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का उल्लेख किया गया है, जिसमें भारत की मलेरिया उन्मूलन में सफलता की सराहना की गई है। डब्ल्यूएचओ की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत मलेरिया संवेदनशील देशों की सूची से बाहर आ गया है। परिणामस्वरूप मलेरिया से होने वाली मौतों में भी कमी आई है। कई देशों ने नई वैक्सीन के उपयोग से मलेरिया उन्मूलन की दिशा में कदम उठाए हैं।
जयभगवान भारद्वाज, नाहड़, रेवाड़ी
जानलेवा जश्न
विवाह या अन्य खुशी के मौके पर फायरिंग करना खतरे से खाली नहीं है, क्योंकि यह कभी भी हादसे का कारण बन सकता है। हाल ही में हरियाणा और पंजाब में हर्ष फायरिंग के कारण लोग घायल और मर चुके हैं। इस पर हरियाणा की खाप पंचायत ने प्रतिबंध और जुर्माने का निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश के भिंड, मुरैना और ग्वालियर में भी ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। इस पहल का पालन जरूरी है, ताकि अन्य राज्यों में भी ऐसा नियम लागू हो।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन