पत्र
संकीर्ण सोच
लालू प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा पर जो टिप्पणी की, वह न केवल उनकी संकीर्ण सोच को दर्शाता है, बल्कि महिलाओं के प्रति उनके अपमानजनक दृष्टिकोण को भी उजागर करता है। नीतीश कुमार की महिला सशक्तीकरण की योजनाएं महिलाओं के वास्तविक सशक्तीकरण के लिए महत्वपूर्ण कदम रही हैं। नीतीश की महिला संवाद यात्रा इन योजनाओं का प्रमाणीकरण है, जो महिलाओं के अधिकारों और उनकी स्थिति में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है। जबकि राजनीतिक विरोध स्वाभाविक है। महिलाओं के प्रति इस तरह की अवांछित टिप्पणियां और ओछी सोच का विरोध किया जाना चाहिए।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
लोकतांत्रिक प्रतिष्ठा
तेरह दिसंबर के दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के अनुसार, राज्यसभा के सभापति, जगदीप धनखड़ पर विपक्षी सदस्यों द्वारा भेदभावपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया गया है। विपक्ष का कहना है कि धनखड़ भेदभाव करते हैं, जैसे कि अडाणी मुद्दे पर विपक्ष को बोलने की अनुमति न देना और कई महत्वपूर्ण टिप्पणियों को रिकॉर्ड से हटाना। यह पहला अवसर है जब राज्यसभा के सभापति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया है। इस मुद्दे का समाधान संवाद और साझी समझ के माध्यम से करना चाहिए, ताकि संसद की कार्यवाही और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की प्रतिष्ठा बनी रहे।
शामलाल कौशल, रोहतक
अनैतिक कृत्य
महिलाओं पर किसी न किसी रूप में अत्याचार हमारे समाज में होते आए हैं, जिन्हें रोकने के लिए कानून भी बने हैं। लेकिन आजकल कुछ महिलाएं इन कानूनों का दुरुपयोग करके पुरुषों को प्रताड़ित कर रही हैं, परिणामस्वरूप आत्महत्याएं जैसे कदम उठाने को पुरुष भी मजबूर हो जाते हैं। अपने अधिकारों का ग़लत उपयोग करके किसी को हानि पहुंचाना न केवल संवैधानिक दृष्टि से गलत है, बल्कि नैतिक दृष्टि से भी अनुचित है।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली