नौकरशाह तुहिन कांत पांडेय बने सेबी के प्रमुख
05:00 AM Mar 01, 2025 IST
नयी दिल्ली, 28 फरवरी (एजेंसी)अनुभवी नौकरशाह और नियमों के पक्के वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय तीन साल के लिए पूंजी बाजार नियामक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख होंगे। पांडेय 1987 बैच के ओडिशा कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं। वह माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे, जिनका तीन साल का कार्यकाल शुक्रवार को समाप्त हो गया। बुच सेबी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला और निजी क्षेत्र से चुनी गईं, पहली सेबी चेयरपर्सन थीं। सेबी प्रमुख का पद ज्यादातर अनुभवी नौकरशाहों के पास रहा है। पांडेय के पास सरकार के विनिवेश व निजीकरण कार्यक्रमों को संभालने का व्यापक अनुभव है। पांडेय नियम पुस्तिका का पालन करने और काम पूरा करने के लिए पहचाने जाते हैं। दीपम (डीआईपीएएम) सचिव के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ही एयर इंडिया का निजीकरण किया गया था, जबकि ऐसा करने के कई प्रयास पहले असफल रहे थे। पांडेय ने आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की योजनाओं की भी देखरेख की। पांडेय सेबी के प्रमुख का पद ऐसे समय संभालेंगे, जब विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी के बाद बाजार में मंदी का दबाव देखने को मिल रहा है। जनवरी से अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है।
नयी दिल्ली, 28 फरवरी (एजेंसी)अनुभवी नौकरशाह और नियमों के पक्के वित्त सचिव तुहिन कांत पांडेय तीन साल के लिए पूंजी बाजार नियामक, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख होंगे। पांडेय 1987 बैच के ओडिशा कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी हैं। वह माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे, जिनका तीन साल का कार्यकाल शुक्रवार को समाप्त हो गया। बुच सेबी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला और निजी क्षेत्र से चुनी गईं, पहली सेबी चेयरपर्सन थीं। सेबी प्रमुख का पद ज्यादातर अनुभवी नौकरशाहों के पास रहा है। पांडेय के पास सरकार के विनिवेश व निजीकरण कार्यक्रमों को संभालने का व्यापक अनुभव है। पांडेय नियम पुस्तिका का पालन करने और काम पूरा करने के लिए पहचाने जाते हैं। दीपम (डीआईपीएएम) सचिव के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ही एयर इंडिया का निजीकरण किया गया था, जबकि ऐसा करने के कई प्रयास पहले असफल रहे थे। पांडेय ने आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की योजनाओं की भी देखरेख की। पांडेय सेबी के प्रमुख का पद ऐसे समय संभालेंगे, जब विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की निकासी के बाद बाजार में मंदी का दबाव देखने को मिल रहा है। जनवरी से अब तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है।
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