निकाय चुनावों तक होल्ड पर रहेगा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चुनाव
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 16 जनवरी
हरियाणा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद का चुनाव होल्ड हो गया है। चुनाव लटकने के पीछे कई वजहें हैं। नई दिल्ली में विधानसभा चुनावों के अलावा हरियाणा में होने वाली शहरी स्थानीय निकाय चुनाव भी देरी की वजह बने हैं। वहीं पार्टी के मौजूदा प्रधान मोहनलाल बड़ौली के खिलाफ कसौली (हिमाचल प्रदेश) में दुष्कर्म का केस दर्ज होना भी चुनाव को आगे खिसकाने में अहम माना जा रहा है।
हालांकि मंडल और जिलाध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी। इसे इसी माह के आखिर तक पूरा कर लिया जाएगा। प्रदेश में लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद नायब सिंह सैनी की जगह मोहनलाल बड़ौली को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। उन्हें प्रधान बने हुए लगभग सात माह ही हुए हैं। नायब सिंह सैनी भी करीब आठ महीनों तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। 12 मार्च, 2024 को मनोहर लाल खट्टर की जगह उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया तो पार्टी ने बड़ौली को प्रधानगी सौंपी।
पार्टी में संगठनात्मक चुनावों की प्रक्रिया चल रही है। हरियाणा में भाजपा ने इस बार 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था। मेम्बरशिप अभियान में देरी भी हुई लेकिन इसके बाद भी पार्टी अपने निर्धारित लक्ष्य को अभी तक पूरा नहीं कर पाई है। संगठनात्मक चुनावों के लिए हलका व जिला स्तर पर वरिष्ठ नेताओं की ड्यूटी भी लगाई हुई है। संगठन के हिसाब से राज्य में 313 मंडल थे। लेकिन इस बार इनकी संख्या बढ़कर 376 हो गई है।
अगले सप्ताह-दस दिन के भीतर पार्टी सभी 376 मंडलाध्यक्षों का चुनाव कर लेगी। इसके साथ ही जिलाध्यक्ष चयन की प्रक्रिया भी जारी रहेगी। चुनावों में देरी इसलिए भी हुई क्योंकि प्रदेश के अधिकांश वरिष्ठ नेता नई दिल्ली मंे चल रहे विधानसभा चुनावों में व्यस्त हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, कैबिनेट सहयोगियों के अलावा सांसदों-विधायकांे व वरिष्ठ नेताओं की दिल्ली चुनाव में ड्यूटी लगाई हुई है। पार्टी ने इस माह के आखिर तक जिलाध्यक्षों के चुनाव प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
राष्ट्रीय स्तर पर वर्तमान में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा भाजपा के अध्यक्ष हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष का भी चुनाव होना है। राज्यों की इकाइयों द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है। भाजपा नियमों के तहत पचास प्रतिशत राज्यों में संगठन के चुनाव पूरी होने के बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है। हरियाणा, उत्तराखंड के अलावा कई अन्य राज्यों के संगठनात्मक चुनावों में अलग-अलग कारणों से देरी हो रही है। लेकिन पार्टी ने इतने राज्यों में संगठनात्मक चुनाव करवा लिए हैं, जितने कि राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव के लिए जरूरी हैं।
जिला की संख्या बढ़ने की गुंजाइश नहीं : भाजपा की प्रदेश यूनिट की ओर से राज्य में संगठनात्मक दृष्टि से जिलों की संख्या बढ़ाने का प्रपोजल पार्टी नेतृत्व को भेजा हुआ है। वर्तमान में राज्य में 22 ही जिलों में संगठन के चुनाव होते हैं। प्रदेश इकाई इनकी संख्या 26 तक करने की कोशिश में है। माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व की ओर से इस बार जिलों की संख्या बढ़ाए की परमिशन नहीं मिल पाएगी। हालांकि अगली बार होने वाले संगठनात्मक चुनावों तक जिलों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।
प्रदेश प्रभारी ने कहा
हरियाणा में सदस्यता अभियान में देरी हुई। ऐसे में संगठनात्मक चुनाव में भी देरी होगी। प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव अभी होल्ड पर किया गया है। मंडल व जिलाध्यक्षों का चुनाव इसी माह में पूरा कर लिया जाएगा। नये जिलों का प्रस्ताव भी केंद्रीय नेतृत्व को भेजा गया था। अभी तक केंद्र की ओर से मंजूरी नहीं मिली है। हालांकि मंडलों की संख्या 313 से बढ़कर 376 हो चुकी है। 20 जनवरी के बाद संगठनात्मक चुनावों को लेकर वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई जाएगी। ''
-डॉ. सतीश पूनिया हरियाणा भाजपा प्रभारी