निकायों में सेवानिवृत्ति के बाद तैनात सलाहकारों के वित्तीय अधिकार खत्म
हरियाणा सरकार ने प्रदेश के स्थानीय निकायों में सेवानिवृत्ति के बाद बतौर सलाहकार काम कर रहे अधिकारियों व कर्मचारियों को झटका दिया है। निकाय विभाग ने इन अधिकारियों व कर्मचारियों से वित्तीय अधिकार वापस ले लिए हैं। स्थानीय निकाय विभाग के निदेशालय की तरफ से बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। प्रदेश में निकाय चुनाव से पहले सरकार का यह बड़ा फैसला माना जा रहा है।
सरकार द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि सलाहकार के रूप में तैनात सेवानिवृत्त अधिकारियों को केवल सुपरवाइजरी रोल ही सौंपे जाने चाहिए। निकाय विभाग ने सभी निगमों को ऐसे सलाहकारों की स्टेटस रिपोर्ट भी मांग ली है। निदेशालय ने कहा है कि सलाहकारों को कभी-कभी वित्तीय निर्णय और पेमेंट प्रोसेसिंग से संबंधित जिम्मेदारियां दी जाती हैं, जो सरकारी प्रोटोकॉल के अनुरूप नहीं ठीक नहीं हैं।
निगम आयुक्तों को यह सुनिश्चित करना होगा कि विशेषज्ञ या सलाहकार के रूप में कार्यरत सेवानिवृत्त कर्मचारियों व अधिकारियों को केवल अति आवश्यक स्थितियों के लिए ही नियुक्त किया जाए, जहां वह सलाहकार या पर्यवेक्षी कार्य करते हैं। उनकी भागीदारी सहयोगात्मक बनी रहनी चाहिए तथा उन्हें निगम के कर्मचारियों को वित्तीय निहितार्थ या भुगतान प्रसंस्करण वाले कार्य नहीं सौंपने चाहिए।
सरकार के आदेशानुसार वर्तमान में ऐसे विशेषज्ञ, सलाहकार वित्तीय इंप्लिकेशन या पेमेंट प्रोसेसिंग से संबंधित कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं, तो उन्हें तत्काल वापस लिया जा रहा है। अब से यह कार्य उनके पर्यवेक्षी, नियंत्रण प्राधिकरण, संबंधित संयुक्त आयुक्तों द्वारा किए जाएंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा और निगम के नियमों और नीतियों के अनुसार विशेषज्ञों, सलाहकारों को पहले से सौंपी गई वित्तीय शक्तियां वापस ले ली गई हैं।