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नायाब काम करेंगे नायब सैनी : जगदीप धनखड़

05:02 AM Dec 09, 2024 IST
नायाब काम करेंगे नायब सैनी   जगदीप धनखड़
कुरुक्षेत्र में रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को स्मृति चिन्ह भेंट करते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व मंदिर के पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा । -हप्र
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विनोद जिन्दल/हप्र
कुरुक्षेत्र, 8 दिसंबर
देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि नायब सिंह सैनी जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं। उनका चरित्र बेदाग है, वे लगनशील हैं और ऊंची सोच के धनी हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि वे निश्चित रूप से नायाब काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा असीम संभावनाओं का प्रदेश है, जो हमारे देश का सिरमौर है। यहां की प्रतिभा हर क्षेत्र में अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में प्रत्येक हरियाणवी का हुनर और उभरेगा। जीवन में साथी या सारथी बहुत निर्णायक भूमिका निभाते हैं। हरियाणा को जनता का साथी और सारथी नायब सिंह सैनी के रूप में मिला है। उपराष्ट्रपति ने रविवार को कुरुक्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में शिरकत की। उन्होंने गीता ज्ञान संस्थानम् में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया। उनके साथ हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय भी उपस्थित थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनका और उनकी पत्नी का हरियाणा से गहरा नाता है। उन्होंने कहा कि आज यहां आना उनके लिए एक ऐसा क्षण है, जिसे वे सदैव याद रखेंगे। जगदीप धनखड़ ने कहा कि राष्ट्र प्रेम में कोई आकलन की बात नहीं है, यह शुद्ध और शत-प्रतिशत होना चाहिए। विकसित भारत अब सपना नहीं, हमारा लक्ष्य है, अर्जुन की भांति एकाग्रता और दृढ़ता को अपनाकर ही इस लक्ष्य की प्राप्ति हो सकती है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि गत दस वर्षों से अधिक समय से इतिहास को रचते हुए 6 दशक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का सारथी बनने का सौभाग्य मिला है। साथी और सारथी की भूमिका कितनी निर्णायक होती है वह देश ने दस वर्ष में देखा है। भारत की आवाज आज बुलंदी पर है। दुनिया की हम महाशक्ति तो हैं ही और अब हमने विकसित भारत बनने का अपना रास्ता चुन लिया है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत अब सपना नहीं, हमारा लक्ष्य है। स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को निमित्त बनाकर समूची मानवता के लिए गीता का उपदेश दिया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ ने श्री भद्रकाली शक्तिपीठ मंदिर में पूजा-अर्चना की। सभी अतिथियों ने ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में राज्यस्तरीय प्रगतिशील हरियाणा प्रदर्शनी, विभिन्न विभागों के स्टॉल व हरियाणा पवेलियन का अवलोकन किया। हरियाणा ग्रामीण आजीविका मिशन के स्टॉल पर सेल्फ हेल्प ग्रुप के सदस्यों ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये।

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गीता के पांच आदर्श अभिशासन पंचामृत का रूप
उपराष्ट्रपति ने कहा कि गीता में जो पांच महत्वपूर्ण आदर्श दिखाए गए हैं, उन्हें वे अभिशासन पंचामृत के रूप में प्रस्तुत करते हैं। यह सिद्धांत सामाजिक व्यवस्था के लिए, शांति के लिए, विकास के लिए, भाईचारा के लिए, उन्नति के लिए, खुश रहने के लिए बहुत जरूरी हैं। पहला सिद्धांत है सार्थक संवाद। ऐसी उम्मीद है कि हमारे संसद सदस्य, विधानसभा के सदस्य, पंचायत और नगर पालिका में जनप्रतिनिधि और आपस में हर व्यक्ति, हर संस्था में यह ध्यान रखेगा कि संवाद सार्थक हो। दूसरा सिद्धांत व्यक्तिगत शुचिता का है, जिसकी आज बहुत आवश्यकता है। तीसरा सिद्धांत निःस्वार्थ यज्ञ भाव है। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने आह्वान किया कि 2047 में विकसित भारत हो यह बहुत बड़ा यज्ञ है। इस यज्ञ में सभी की आहुति जानी चाहिए। चौथा सिद्धांत करुणा का है। करुणा हमारी विरासत है। पांचवा सिद्धांत परस्पर भाव है। उन्होंने कहा कि स्पर्धा होनी चाहिए पर स्पर्धा का मतलब युद्ध नहीं है।

आपके आने से हमारा उत्साह दोगुना हो गया : नायब सैनी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वागत किया। सीएम ने उपराष्ट्रपति से कहा कि आपके आने से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव की गरिमा कई गुणा बढ़ गई है और हमारा उत्साह भी दोगुना हुआ है। उन्होंने कहा कि आज के समारोह में उपराष्ट्रपति का आना अध्यात्म में उनकी रुचि, धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र और श्रीमद्भगवद्गीता के प्रति आस्था और हरियाणा के प्रति उनके लगाव का प्रतीक है।

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