नर्सें अस्पतालों में संक्रमण रोकथाम की रीढ़ : प्रो. कौशल
चंडीगढ़, 28 फरवरी (ट्रिन्यू)अस्पतालों में मरीजों की देखभाल करने वाली नर्सें सिर्फ इलाज ही नहीं करतीं, बल्कि वे 'अदृश्य दुश्मन' संक्रमण के खिलाफ सबसे बड़ी योद्धा भी हैं! इसी विषय पर पीजीआई चंडीगढ़ में 'संक्रमण रोकथाम एवं नियंत्रण में नर्स नेतृत्व की भूमिका' पर एक खास सीएमई कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें स्वास्थ्य विशेषज्ञों और नर्सिंग लीडर्स ने मिलकर इस चुनौती पर चर्चा की। कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर पीजीआईएमईआर के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट एवं अस्पताल संक्रमण नियंत्रण समिति के अध्यक्ष प्रो. विपिन कौशल ने कहा कि नर्सें अस्पतालों में संक्रमण रोकथाम की रीढ़ हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर अस्पतालों को संक्रमण मुक्त बनाना है, तो सबसे पहले नर्सों को मजबूत नेतृत्व में लाना होगा। वे ही मरीजों की पहली रक्षक होती हैं और अगर वे जागरूक रहें, तो अस्पतालों को संक्रमण से बचाया जा सकता है।
हाथों की स्वच्छता से बदला खेल!
कार्यक्रम में प्रो. अशोक कुमार ने एक दिलचस्प किस्सा सुनाया कि कैसे पीजीआई में हाथ स्वच्छता अभियान शुरू हुआ और संक्रमण दर में भारी गिरावट आई। उनका कहना था कि सिर्फ एक साधारण हाथ धोने की आदत ने अस्पतालों में बड़ा बदलाव ला दिया! कार्यक्रम में आर्मी मेडिकल कोर के एक विशेषज्ञ ने बताया कि सेना के अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण को लेकर कितना कड़ा अनुशासन होता है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर नागरिक अस्पतालों में भी यही अनुशासन लाया जाए, तो संक्रमण को आसानी से हराया जा सकता है।
लीडर के तौर पर उभरना होगा
इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद के प्रो. चंद्रशेखर श्रीपदा ने कहा कि नर्सों को केवल आदेश पालन करने वाले नहीं, बल्कि लीडर के रूप में उभरना होगा। जब नर्सें खुद नेतृत्व करेंगी, तो पूरा स्वास्थ्य तंत्र अधिक प्रभावी होगा। कार्यक्रम में संक्रमण रोकथाम नर्सों (आईसीएन) की भूमिका पर जोर दिया गया। प्रो. मनीषा बिस्वाल ने बताया कि कैसे इन नर्सों की मेहनत से पीजीआईएमईआर में संक्रमण दर कम हुई है। कार्यक्रम का समापन डॉ. नवनीत धालीवाल और डॉ. मीनल भाटिया द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।