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नये साल के साथ बदलें नयी चाल भी

04:00 AM Dec 26, 2024 IST
नये साल के साथ बदलें नयी चाल भी
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शमीम शर्मा

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हाड़ कंपा देने वाली सर्दी में कई तो अभी से लग गये कि नये साल की एडवांस में बधाई ले लो। ऐसी क्या भागड़ पड़ गई? ये वे लोग हैं जो बिजली के बिल तो लास्ट डेट के बाद भरते हैं और बधाई बिना डेट के पेलते हैं। हर साल की तरह 2025 भी सिर्फ तारीख का बदला हुआ पन्ना है। फिर वही महंगाई, वही ट्रैफिक, वही पॉल्यूशन, वही रोजमर्रा की झिकझिक, झंझट-झमेले और संसद की तू-तू, मैं-मैं। कितने ही नये साल आ जायें, बच्चे स्कूल में वैसे ही मुर्गा बनते रहेंगे, पत्नियां अपने पतियों को गधा बनाती रहंेगी और गर्लफ्रेंड-ब्वॉयफ्रेंड एक-दूसरे को उल्लू।
सप्ताह-दस दिन पहले से ही कोने-कोने में गूंज हो चुकी है कि नया साल आ रहा है। इतनी गूंज तो स्कूल में डीईओ की इंस्पेक्शन की भी नहीं हुआ करती। चारों तरफ हैप्पी न्यू इयर की सुनामी-सी आई हुई है, नये संकल्पों की लिस्ट बननी प्रारंभ हो चुकी है जिन्हें पूरा करना तो दूर, सालभर याद रखना भी कठिन होता है।
एक बात कहनी पड़ेगी कि इस बार नया साल नयी नवेली दुल्हन की तरह सजधज कर आ रहा है। इस बार इसकी चाल का कॉन्फिडेंस ही अलग है। चुनावों के बाद नयी सरकार बन चुकी है। देश में भी अपने हरियाणा में भी। नेता भी टेंशन-फ्री हैं। दिल्ली को छोड़कर कहीं किसी को कोई टेंशन नहीं है। चारों ओर हनीमून पीरियड है और ऊपर से स्नोफॉल।
कोरोना के बाद नये साल पर सबसे लोकप्रिय संकल्प बन चुका है- इस साल वजन कम करना है। लेकिन फरवरी आते-आते ही जिम की जगह समोसे-बर्गर की दुकानें भर जाती हैं। स्वस्थ रहेंगे का वादा चटपटा खायेंगे में बदल जाता है।
नया साल आते ही बच्चों को याद आता है कि बोर्ड की परीक्षाएं सिर पर हैं। माता-पिता एक तरफ उन्हें किताबों का ढेर दिखाते हैं और दूसरी तरफ 2025 में टॉप करना है, का भाषण पिलाते हैं। बच्चों का नये साल की सेलिब्रेशन का नशा अगले दिन ही उतर जाता है। नये साल का स्वागत करने से पहले हमें पुराने वादों और अधूरी जिम्मेदारियों का हिसाब करना चाहिए। सिर्फ कैलेंडर नहीं बदलना बल्कि स्वयं से बदलाव की शुरुआत करनी है। नया साल वही होता है जिसमें हम खुद को नया बना सकें। वरना तो वही ढाक के तीन पात।
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एक बर की बात है अक नये साल के आण की खुशी मैं नत्थू अर सुरजे नैं रात नैं इतनी डोच ली अक नशे मैं धुत सबेरै होटल की बजाय अदालत पहोंचगे। उनकी शकल अर अकल देखकै जज बोल्या- ऑडर ऑडर। नत्थू बोल्या- जी एक चिकन अर एक क्वाटर।

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