धर्मगढ़ के जितेंद्र मान ने नौकरी छोड़ खोली नर्सरी, दूसरे किसानों के लिये बने प्रेरणा
बिजेंद्र सिंह/हप्र
पानीपत, 10 अप्रैल
गांव धर्मगढ़ के किसान जितेंद्र मान ने कई वर्ष करनाल मदर डेयरी में नौकरी की, लेकिन किसान परिवार से होने के चलते उनके मन बचपन से ही खेती में कुछ नया करने की चाह दिमाग में थी। करीब 10 वर्ष पहले नौकरी छोड़कर गुरुकुल मोर माजरा के पास अपने खेत में बागवानी विभाग के सहयोगी नेट व पोली हाउस लगाकर खेती करना शुरू किया, लेकिन वह रास नहीं आई।
जितेंद्र मान ने उद्यान विभाग के सहयोग से बागवानी की खेती को बढ़ावा देने के लिये अपने खेत में नर्सरी खोलने का मन बनाया। उन्होंने अपनी व अपने भाई की 12 एकड़ जमीन में से 5 एकड़ में फलों के पौधों का मदर ब्लॉक लगाया। जिसमें अमरूद, आम, निम्बू, सेब, बादाम, आलू बुखारा, नाशपाती, अंजीर, चीकू, बेरी व शहतूत समेत विभिन्न किस्मों के करीब 2 दर्जन फलों के पौधे लगाये। उसके 3 साल बाद बागवानी विभाग पानीपत से रेड डायमंड नर्सरी का लाइसेंस मिला, जिसमें अमरूद व नींबू की वैरायटियां शामिल थीं। हालांकि वह दूसरे फलों के पौधे भी अपनी नर्सरी में तैयार करते हैं। जितेंद्र अपनी नर्सरी में कलम चढ़ाकर फलों की पौध तैयार करते हैं और अमरूद की वैरायटियों में हिसार सफेदा की पौध तैयार करने में भी जितेंद्र मान का प्रदेश में नाम है। उनकी रेड डायमंड नर्सरी से हरियाणा के अलावा यूपी, पंजाब, दिल्ली व कुछ राजस्थान में हिसार सफेदा अमरूद के पौधे जाते है। वह पिछले 6-7 सालों में इन राज्यों में अनेकों किसानों के अमरूद के बाग लगवा चुके हैं। उनके पास पूरी टीम है जो अमरूद का बाग लगा कर उस किसान को सौंप देती है। जितेंद्र मान आज किसानों के लिये एक प्रेरणा बने हुए हैं और कई राज्यों के किसान उनकी नर्सरी को देखने आते है।
अपने फार्म पर आर्गेनिक खेती भी कर रहे
जितेंद मान अपने फार्म पर वर्मी कम्पोस्ट खाद भी स्वयं तैयार करते हैं। वह उस खाद को बेचतते भी हैं और अपने फार्म पर ही आर्गेनिक खेती रते हैं। मान की नर्सरी व फार्म पर औसतन रोजाना 15-20 मजदूर काम करते हैं, जिससे इन परिवारों का रोजगार चलता है। मान को उपराष्ट्रपति समेत बागवानी विभाग द्वारा सब्जी रत्न अवाॅर्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
दिल्ली मंडी में भी मांग
जितेंद्र मान ने 2 एकड में जापान की रेड डायमंड वैरायटी का बाग लगाया हुआ है। यह अमरूद अंदर से लाल होता है और मामूली बीज होते हैं। दिल्ली की आजादपुर मंडी में बेहद मांग है। आजादपुर मंडी में इसका भाव 150 से 200 रुपये प्रति किलो है, जबकि हिसार सफेदा का भाव 50 से 80 रुपये किलो है। अब यह अमरूद पक कर तैयार हो चुका है।
20 लाख के लोन पर 50 प्रतिशत अनुदान देता है बागवानी विभाग : डीएचओ
डीएचओ डाॅ. शार्दूल शंकर ने बताया कि बागवानी विभाग द्वारा फलों का बाग लगाने पर 43,000 रुपये प्रति एकड़ अनुदान मिलता है। इन नर्सरियों से ही फलों के पौधे लेने पर किसानों को विभाग द्वारा बाग के लिये अनुदान मिलता है। छोटी नर्सरी खोलने के लिये विभाग द्वारा 20 लाख के लोन पर 50 फीसदी अनुदान दिया जाता है।