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धरने पर बैठे छात्रों के समर्थन में उतरे ग्रामीण

04:36 AM Jun 17, 2025 IST
कैथल के कौल छात्रों के समर्थन में धरने पर बैठे ग्रामीण।-हप्र
कैथल, 16 जून (हप्र)

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कौल के ग्रामीणों ने चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि महाविद्यालय कौल में अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे छात्रों का खुलकर समर्थन किया। उनके साथ धरने पर बैठकर कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। पूर्व सरपंच गुलाब सिंह, रामपाल सहित ग्रामीणों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेताया कि हम हर दुख-सुख में छात्रों के साथ है।

उन्हें डरा घमकाकर धरना समाप्त नहीं करवा सकते। जब तक छात्रों की मांगें पूरी नही होती तब तक हम भी उनके कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करेंगे और छात्रों को न्याय दिलवाकर रहेंगे। ग्रामीणों ने कृषि विश्वविद्यालय हिसार में शांतिपूर्ण धरना दे रहे छात्रों पर वीसी की मौजूदगी में लाठीचार्ज करने की कड़े शब्दों में निंदा की।

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साथ ही सरकार से मांग की है कि तुरंत प्रभाव से वीसी को बर्खास्त किया जाए। रामपाल ने कहा कि 1972 में तत्कालीन मुख्यमंत्री चौ. बंसी लाल और पूंडरी हलके का नेतृत्व कर रहे तत्कालीन विधायक एवं प्लानिंग बोर्ड के चेयरमैन चौ. ईश्वर सिंह के बीच एक करार हुआ था। इसमें लिखा गया था कि कौल ग्राम पंचायत कृषि महाविद्यालय की स्थापना के लिए 50 एकड़ भूमि 99 वर्ष के लिए पट्टे पर देने का इकरार करती है।

इसके बदले कृषि विश्वविद्यालय एक रुपया प्रति वर्ष पट्टे के तौर ग्राम पंचायत को देगा और 5 सीटें कौल गांव के बच्चों के लिए पढ़ाई में आरक्षित रहेंगी। अब वीसी हिसार ने अपनी मनमर्जी से इन्हें कम कर दिया है और इसके अलावा कई अन्य फरमान जारी कर छात्रों के हितों के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है।

ग्रामीणों ने कहा कि जमीन हमारी, महाविद्यालय हमारा, पढ़ाई करने वाले छात्र हमारे फिर वीसी को उन पर लाठीचार्ज करने का अधिकार किसने दिया। ग्रामीण बोले हम सरकार से मांग करते हैं कि छात्रों के हितों को ध्यान रखते हुए वीसी को बिना देरी किए बर्खास्त किया जाए और उनकी तमाम मांगे मान ली जाएं।

जारी रहेगा परीक्षाओं का बहिष्कार

छात्र-छात्राओं ने बताया कि उनकी वार्षिक परीक्षाएं चल रही है। सोमवार को भी हमारी परीक्षा थी लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन के तानाशाह रवैये के चलते उन्होंने वार्षिक परीक्षाओं का बहिष्कार किया हुआ है। छात्र-छात्राओं का कहना है कि उनकी मांगे माने जाने तक और वीसी को बर्खास्त किए जाने तक वार्षिक परीक्षाओं को बहिष्कार जारी रहेगा।

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