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धनास स्कूल में मना जंग और रानी दिलावरी फाउंडेशन का पहला वार्षिक समारोह

04:59 AM Apr 24, 2025 IST
धनास स्कूल में मना जंग और रानी दिलावरी फाउंडेशन का पहला वार्षिक समारोह
चंडीगढ़ के राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनास में बुधवार को आयोजित जंग और रानी दिलावरी फाउंडेशन के पहले वार्षिक समारोह में आयोजक अतिथियों को सम्मानित करते हुए।
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चंडीगढ़, 23 अप्रैल (ट्रिन्यू)
शिक्षा के उजाले से उन नन्हे सपनों को रोशन करने का संकल्प लेकर जंग और रानी दिलावरी फाउंडेशन ने आज अपना पहला वार्षिक समारोह चंडीगढ़ के राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनास में आयोजित किया। समारोह में स्कूल प्रांगण बच्चों की चहचहाहट और उत्साह से भर गया, जहां उनके माता-पिता, शिक्षक और गणमान्य अतिथि इस सफर के पहले पड़ाव के गवाह बने। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि एचपीएस बराड़, निदेशक, स्कूल शिक्षा, यूटी चंडीगढ़ द्वारा किये दीप प्रज्वलन के साथ हुई। उन्होंने फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए इस तरह की पहल बेहद प्रशंसनीय है। यह प्रयास न सिर्फ बच्चों के शैक्षणिक विकास में मदद करेगा बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी नयी उड़ान देगा। हम उम्मीद करते हैं कि फाउंडेशन अन्य स्कूलों में भी अपनी सेवाएं देगा।

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आंधी आए या तूफान, बच्चे स्कूल जरूर जाएं : समारोह में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित पीजीआई निदेशक डॉ. विवेक लाल ने अपने संक्षिप्त लेकिन प्रभावी संबोधन में अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों को स्कूल भेजने में कोई लापरवाही न करें। चाहे आंधी आए या तूफान, बच्चों की शिक्षा को प्राथमिकता दें। यही तरीका है उन्हें नशे और गलत राहों से बचाने का। स्कूल ज्ञान के मंदिर हैं, और शिक्षा ही बच्चों के उज्जवल भविष्य की कुंजी है।
बच्चों ने दिखाई प्रतिभा, गूंजे तालियों के स्वर : इसके बाद बच्चों ने गीत, कविता पाठ और छोटे नाटकों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। फाउंडेशन के विशेष शिक्षकों द्वारा तैयार किए गए इन प्रस्तुतियों में बच्चों का आत्मविश्वास साफ झलक रहा था। छोटे-छोटे बच्चों को मंच पर आत्मविश्वास के साथ बोलते और प्रस्तुतियां देते देख कई अभिभावकों की आंखें नम हो गईं।

संघर्ष से सफलता तक : कार्यक्रम में फाउंडेशन की एक झलक भी पेश की गई। मार्च 2023 में महज 40 बच्चों के साथ शुरू हुए इस प्रयास ने आज धनास के तीन स्कूलों में 150 बच्चों तक अपनी पहुंच बना ली है। 1:20 के आदर्श शिक्षक-छात्र अनुपात के साथ, फाउंडेशन ने व्यक्तिगत शिक्षण के जरिये कमजोर बच्चों की पढ़ाई, उपस्थिति और आत्मविश्वास में जबरदस्त सुधार लाया है। फाउंडेशन के शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन चार घंटे का विशेष शिक्षण दिया जाता है। सिर्फ एक वर्ष में 70 प्रतिशत से अधिक बच्चे अपने शैक्षणिक लक्ष्यों को हासिल कर मुख्यधारा में लौट चुके हैं और अब नियमित कक्षाओं में अपने साथियों के साथ पढ़ रहे हैं।
हर बच्चा एक संभावना : समारोह के अंत में फाउंडेशन के संस्थापक प्रो. जंग दिलावरी ने कहा, 'हमारा सपना है कि कोई भी बच्चा सिर्फ इस कारण पीछे न रहे कि उसे पर्याप्त मार्गदर्शन नहीं मिला। हर बच्चा एक संभावना है, जिसे सही समय पर सही सहयोग की जरूरत है।' रानी दिलावरी ने भी अपने उद्बोधन में कहा, 'हमारी कोशिश है कि शिक्षा के जरिए हर बच्चे के भीतर आत्मविश्वास पैदा हो। समाज की असली ताकत वही बच्चे बनेंगे, जिन्हें हम आज मजबूती से खड़ा कर पाएंगे।'
कार्यक्रम के बाद बच्चों और अभिभावकों के साथ संवाद हुआ, जिसमें सभी ने फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना की। एक मां ने भावुक होकर कहा, 'पहले हमारा बच्चा पढ़ाई में पीछे था, अब वह हर दिन स्कूल जाने की जिद करता है। दिलावरी फाउंडेशन ने हमारे घर की उम्मीदें जगा दी हैं।'

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