दो खरीद एजेंसियों ने मिलिंग के लिए दिया ढाई लाख क्विंटल धान
जीत सैनी/निस
गुहला चीका, 7 नवंबर
चीका अनाज मंडी में फर्जी गेट पास काटकर किए गए करोड़ों रुपये के धान घोटाले की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि एक ओर बड़ा धान घोटाला सामने आ गया है।
इस मामले में प्रदूषण विभाग द्वारा सील किए गए पांच राइस मिलों को हरियाणा सरकार की दो खरीद एजेंसियों ने करोड़ों रुपए का धान देने का मामला सामने आया है।
इस मामले में अधिकारियों व राइस मिल मालिकों की मिलीभगत सामने आ रही है।
गत 19 अक्तूबर को प्रदूषण विभाग की टीम ने चीका में राइस मिलों की जांच की थी। जांच में पाया गया था कि चार राइस मिल मालिकों ने न तो विभाग से मंजूरी ली है और न ही ये राइस मिल विभाग की शर्तों को पूरा कर रहे हैं, जिसके चलते विभाग ने इन राइस मिलों को सील कर दिया। इसके चलते ये राइस मिल धान की मिलिंग नहीं कर सकते।
उधर, सील किए जाने के बावजूद सरकारी खरीद एजेंसी वेयरहाउस ने तीन राइस मिलों का लगभग एक लाख 70 हजार क्विंटल धान मिलिंग के लिए दे दिया। इसी प्रकार से दूसरी खरीद एजेंसी फूड सप्लाई ने भी सील किए गए दो राइस मिलों को लगभग 80 हजार क्विंटल धान मिलिंग के लिए रिलीज कर दिया है। आरोप ये भी हैं कि कुछ राइस मिल अभी निर्माणाधीन हैं और उनमें मशीनें फिट नहीं की गई हैं, बावजूद इसके ऐसे राइस मिलों को भी मिलिंग के लिए धान देने का मामला सामने आ रहा है।
प्रदूषण विभाग द्वारा सील किए गए राइस मिल जब धान की मिलिंग ही नहीं कर सकते तो उन्हें खरीद एजेंसियां धान कैसे दे सकती हैं। सवाल ये भी उठता है कि क्या खरीद एजेंसियों को इन राइस मिलों को सील किए जाने की सूचना ही नहीं दी गई थी या सब कुछ जानते हुए भी खरीद एजेंसियों के अधिकारियों ने इन राइस मिलों को जानबूझकर धान दिया है। यदि हरियाणा सरकार किसी निष्पक्ष एजेंसी से इस मामले की जांच करवाए तो चीका मंडी में हुए फर्जी गेट पास घोटाले के बाद एक ओर बड़े धान घोटाले पर से पर्दा उठ सकता है।
क्या बोले खरीद एजेंसियों के अधिकारी
प्रदूषण विभाग द्वारा सील किए गए चीका के तीन राइस मिलों को 1 लाख 70 हजार क्विंटल धान देनें वाली खरीद एजेंसी वेयरहाउस के इंस्पेक्टर विकास हुड्डा ने बताया कि प्रदूषण विभाग द्वारा तीन राइस मिलों को सील करने के संबंध में उनके विभाग को कोई सूचना नहीं है। यदि ये राइस मिल किसी कारणवश धान की मिलिंग नहीं कर पाए तो किसी अधिक लिमिट वाले राइस मिल को यह धान शिफ्ट कर दी जाएगी। सरकार की धान का पूरा चावल हर हाल में वापस लिया जाए। सील किए गए दो राइस मिलों को धान देने वाली एक दूसरी खरीद एजेंसी फूड सप्लाई के इंस्पेक्टर जयभगवान ने कहा कि राइस मिलों को सील किए जाने के संबंध में उनके विभाग को कोई जानकारी नहीं है।
''गत 19 अक्तूबर को चीका में की गई जांच में 4 राइस मिल प्रदूषण विभाग के नियमों पर खरे उतरते नहीं पाए गए, जिसके चलते इन्हें सील किया गया है। जब तक ये राइस मिल विभाग की शर्तें पूरी नहीं करते तब तक ये राइस मिल काम नहीं कर सकते। एक राइस मिल इससे पहले भी विभाग द्वारा सील किया गया है। ''
-सतीश कुमार, साइंटिस्ट बी, प्रदूषण विभाग, कैथल