दो कुलपतियों के इस्तीफे के बाद एमडीयू में हडकंप
हरीश भारद्वाज/हप्र
रोहतक, 1 दिसंबर
प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद से भाजपा सरकार सफाई अभियान में जुट गई है। यह सफाई अभियान इस बार सड़कों पर नहीं, बल्कि चुनाव में कांग्रेस के लिए रोडमैप तैयार करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को लेकर चलाया जा रहा है। अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा अधिकारियों को इधर-उधर कर चुकी भाजपा सरकार ने अब अगला निशाना प्रदेश के राज्य स्थित विश्वविद्यालयों को बनाया है। सूचना है कि यहां पर दो कुलपतियों से इस्तीफे तत्काल प्रभाव से ले लिए गए हैं और इनकी जगह अन्यों को कार्यभार तैनाती देने का काम शुरू कर दिया गया है। हालांकि, सभी ने इस्तीफा देने के पीछे निजी कारणों का हवाला दिया है, लेकिन असल वजह कुछ और ही बताई जा रही है। सिरसा और जींद में विपक्षियों को मदद करने के आरोपों के बीच इस तरह से इस्तीफे देने की लपटें रोहतक तक आ चुकी हैं। रोहतक की महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) में भी चुनाव के दौरान कांग्रेस नेताओं को सैरगाह उपलब्ध करवाने और उनके कारिंदों को फैकल्टी हाउस में कमरे तक मुहैया करवाने की चर्चाओं का बाजार गर्म है। इसके अलावा, रात में विपक्ष के नेताओं से मुलाकात करने की चर्चाएं भी कर्मचारियों की जुबान पर है। इसके अलावा, और भी कई अनियमितताओं की खबर सरकार तक पहुंचनी है। अब जैसे ही इस्तीफे की सूचना रोहतक पहुंची तो गुजरात तक पैरवी करने की भागदौड़ शुरू हो गई है।
बता दें कि जींद में चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय के वीसी डॉ. रणपाल सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा सिरसा की चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने भी इस्तीफा भेज दिया है। इसमें कारण निजी कारणों को इस्तीफा की वजह बताया गया है।