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देश की अखंडता और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा थे डॉ. मुखर्जी : बड़ौली

05:00 AM Jun 24, 2025 IST
देश की अखंडता और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा थे डॉ  मुखर्जी   बड़ौली
सोनीपत में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को पुष्पांजलि अर्पित करते मोहन लाल बड़ौली, पूर्व मंत्री कविता जैन व अन्य। -हप्र
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सोनीपत, 23 जून (हप्र)भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी देश की अखंडता और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के सच्चे पुरोधा होने के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता के सच्चे सूत्रधार थे। उन्होंने पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में विभाजनकारी तत्वों से कभी समझौता नहीं किया और सत्ता छोड़कर नेहरू मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।
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डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने सेक्टर-15 स्थित अपने कार्यालय पर श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना से देश को राष्ट्रहित सर्वोपरि रखने वाला राजनीतिक विकल्प दिया और जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए। मातृभूमि के ऐसे सच्चे उपासक डॉ. मुखर्जी का जीवन असंख्य भारतीयों को युगों-युगों तक मार्गदर्शन प्रदान करता रहेगा।

उन्होंने कहा कि एक देश में ‘दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे’ यह केवल उद्घोष नहीं था, बल्कि राष्ट्र की एकता के लिए डॉ. मुखर्जी का अडिग संकल्प था। आज जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनुच्छेद 370 इतिहास बन चुका है, यह केवल संवैधानिक सुधार नहीं, बल्कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को एक सच्ची श्रद्धांजलि है। इस मौके पर पूर्व मंत्री कविता जैन, वरिष्ठ भाजपा नेता तरुण देवीदास, पार्षद सुरेंद्र मदान मौजूद रहे।

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