देखरेख के अभाव में जंगल बनी परवालो-भोजपुर की व्यायामशाला
अरविंद शर्मा/हप्र
जगाधरी, 18 जून
करीब 7 साल पहले सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में करोड़ों रुपये खर्च कर व्यायामशालाएं व पार्क बनाए थे। इसका उद्देश्य लोगों को अच्छी सेहत प्रदान करना था, लेकिन उचित देखभाल के अभाव में जगाधरी से सटे गांव भोजपुर-परवालो की व्यायामशाला जंगल बनकर रह गई है। वहीं, पंचायत विकास विभाग के अधिकारी ग्राम पंचायत को जरूरी दिशा-निर्देश देने की बात कह रहे हैं।
21 जून को देश-दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इसे लेकर कई दिनों से तैयारियां चल रही हैं। सरकार ने करीब 6 साल पहले 5 मई को करोड़ों रुपये खर्च कर व्यायामशालाओं कम पार्कों का उद्घाटन किया था।जानकारी के अनुसार जिले में सरकार द्वारा बनाई गई दो दर्जन से ज्यादा व्यायामशालाएं व इनके साथ पार्क हैं। ये व्यायामशालाएं क्षेत्र के सुघ, भोजपुर, महमुदपुर, नगावां जगीर, भूलखेड़ी, सभापुर, गुगलो, टोपरा, खुर्द बन, बहादुरपुर, हरीपुर कंबोयान आदि में हैं।
जानकारी के अनुसार प्रत्येक व्यायामशाला व पार्क पर करीब 30 लाख रुपये के बीच खर्च आया था। इनमें बाकायदा शौचालय आदि भी बनाए गए थे। इनकी देखभाल का जिम्मा ग्राम पंचायतों पर है। भोजपुर-परवालो व्यायामशाला उपेक्षा का शिकार है। इसके पार्क भी बदहाल हैं। इसके बाथरूम भी दयनीय हालत में हैं। बताया जाता है कि यह व्यायामशाला शुरू से ही कुप्रबंधन का शिकार है।
गांव के सरपंच कमलजीत सिंह का कहना है कि इसकी सफाई कराई जाएगी। उनका कहना है कि साथ लगती जगह में शैड बनाया गया है। वहां पर आयोजन किया जा सकता है, लेकिन सवाल उठता है कि व्यायामशाला की सुध क्यों नहीं नहीं ली जा रही है।
ग्राम पंचायत को उचित दिशा-निर्देश दिए जाएंगे : डीडीपीओ
डीडपीओ नरेंद्र कुमार का का कहना है कि व्यामशालाओं की सफाई आदि का कार्य ग्राम पंचायत को कराना होता है। पंचायतों के पास पर्याप्त फंड है। इसे लेकर ग्राम पंचायत को उचित कदम उठाने के दिशा-निर्देश दिए जाएंगे।