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दुष्कर्म पीड़िता की सोशल मीडिया पर पहचान की उजागर

06:47 AM Apr 10, 2025 IST
दुष्कर्म पीड़िता की सोशल मीडिया पर पहचान की उजागर
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मोहाली, 9 अप्रैल (हप्र)

पादरी बजिंदर से जुड़ा एक नया विवाद सामने आया है। पादरी बजिंदर सिंह को दुष्कर्म मामले में उम्र कैद की सजा मिल चुकी है । पीड़िता ने पादरी के समर्थकों पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उसकी पहचान उजागर करने का आरोप लगाया है। पीड़िता के अनुसार पादरी के आईटी सेल ऑपरेटर द्वारा सोशल मीडिया और टेलीविजन चैनलों पर उसका नाम, आवासीय पता और अन्य संवेदनशील विवरण सहित व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक रूप से प्रसारित कर दी गई है। इस मामले में बलौंंगी पुलिस ने आरोपी आशीष राजकुमार के खिलाफ बीएनएस की धारा 72, 351(2), 356(2), 79 और आईटी एक्ट की धारा 67 व 72 के तहत मामला दर्ज किया है।

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महिला ने आरोप लगाया वे न केवल उसकी पहचान उजागर कर रहे हैं, बल्कि वे लोगों को उसके खिलाफ भड़का भी रहे हैं। उसने अपनी सुरक्षा के लिए भी गंभीर चिंता व्यक्त की है। उसने दावा किया है कि इस लक्षित उत्पीड़न अभियान के कारण अब उसकी जान को खतरा है। पीड़ित युवती ने बताया कि आरोपी आशीष राजकुमार ने अवैध तौर पर चल रहे यू-ट्यूब चैनल पर 3 मई को एक रिकार्डिंग डाली गई जिसमें आशीष राजकुमार पादरी बजिंदर सिंह के चेले हरमेश सिंह मसीह से बातचीत कर रहा है। उसका नाम, पता व उसकी सीसीटीवी फुटेज यू-ट्यूब पर अपलोड की है। उसकी निजी जानकारी एक नहीं बल्कि तीन यू-ट्यब चैनल पर डाली गई है। पीड़िता ने आशीष राजकुमार के अलावा पादरी हरदीप सिंह, पादरी हरमेश सिंह, अविनाश कुमार, हामीद मसीह, सुरजीत सिंह थापर व नितिश कुमार पर भी आरोप लगाए हैं

उसकी शिकायत के आधार पर बलौंगी पुलिस स्टेशन ने फिलहाल एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने पुष्टि की है कि वे मामले को गंभीरता से ले रही है और डिजिटल प्लेटफार्म की जांच करने और आरोपियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए साइबर सेल की सहायता मांगी गई है।

आराेपियों पर होगी कानूनी कार्रवाई

एसएचओ अमनदीप सिंह कंबोज ने कहा कि गंभीर उल्लंघन और धमकी का मामला सामने आया था। अभी एक व्यक्ति पर मामला दर्ज किया गया है जबकि अन्य छह जिन पर पीड़िता आरोप लगा रही है उनकी भूमिका की जांच शुरू कर दी है। अगर उनकी भूमिका सामने आई तो उन्हें भी मामले में नामजद किय गया जाएगा। उन्होंने कहा कि आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और साइबर विशेषज्ञों के साथ समन्वय करके इन पोस्ट की उत्पत्ति का पता लगाने और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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