दादरी, फतेहाबाद व पंचकूला में जेलों के निर्माण की राह साफ
दादरी जेल में 1150 बंदियों की होगी क्षमता
जेल मंत्री ने बताया कि चरखी दादरी जिले के गांव भैरवी में जेल परिसर निर्माण के लिए 97 करोड़ 73 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई है। 58 एकड़ जमीन में बनने वाले जेल कैंपस में 1150 बंदियों को रखने की क्षमता होगी। चरखी दादरी जेल में प्रशासनिक खंड, पुरुष बंदियों के लिए 7 बैरक, महिला बंदियों के लिए 1 बैरक, 2 सुरक्षा सैल, 30 बैड का जेल अस्पताल, किचन, गोदाम, नियंत्रण कक्ष, जेल फैक्टरी, अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए आवासीय परिसर का निर्माण किया जाएगा।
बीघड़ में करीब 100 करोड़ होंगे खर्च
फतेहाबाद के गांव बीघड़ में 45 एकड़ जमीन पर 99 करोड़ 97 लाख रुपये की लागत से जिला जेल का निर्माण होगा। इस जेल कैंपस में 1852 बंदियों की क्षमता के मुताबिक कैंपस का निर्माण किया जाएगा। इसमें प्रशासनिक भवन, पुरुष बंदियों के लिए 12 बैरक, महिला बंदियों के लिए एक बैरक, विशेष सुरक्षा सेल 4, 30 बैड का जेल अस्पताल, जेल फैक्टरी, नियंत्रण कक्ष, कैंटीन, लाइब्रेरी, बहुउद्देश्यीय हाॅल, वार्डर हॉस्टल, अधिकारी, कर्मचारियों के लिए 115 मकान व मूलभूत सुविधाओं के लिए ढांचागत विकास किए जाएंगे।
पंचकूला के जलोली में बनेगी जेल
पंचकूला के गांव जलोली में तकरीबन 31 एकड़ जमीन पर 86 करोड़ 17 लाख रुपये की लागत से जिला जेल का निर्माण होगा। इस जेल कैंपस में 954 बंदियों की क्षमता के मुताबिक कैंपस का निर्माण किया जाएगा। इसमें प्रशासनिक भवन, पुरुष बंदियों के लिए 4 बैरक, महिला बंदियों के लिए एक बैरक, विशेष सुरक्षा सेल 4, 30 बैड का जेल अस्पताल, जेल फैक्टरी, नियंत्रण कक्ष, कैंटीन, लाइब्रेरी, बहुउद्देश्यीय हाॅल, वार्डर हॉस्टल, अधिकारी, कर्मचारियों के लिए 34 मकान व मूलभूत सुविधाओं के लिए ढांचागत विकास किए जाएंगे।
रेवाड़ी जेल हो चुकी शुरू
जेल महानिदेशक मोहम्मद अकील ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 3 केंद्रीय जेलों व 17 जिला जेलों में 22 हजार 647 बंदियों को रखने की क्षमता है। रविवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जेल मंत्री डॉ़ अरविंद शर्मा की मौजूदगी में रेवाड़ी के फिदेड़ी गांव में 50 एकड़ जमीन पर 95 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित जेल परिसर का उद्घाटन किया है, जिसमें तकरीबन एक हजार बंदियों को रखने की क्षमता है। उन्होंने बताया कि रेवाड़ी जेल में फिलहाल 65 बंदियों को रखने की ही व्यवस्था थी, जिसके चलते रेवाड़ी जिले के बंदियों को गुरुग्राम, नारनौल और झज्जर जेल में भेजा जा रहा था।