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दलाई लामा संस्था जारी रहेगी

05:00 AM Jul 03, 2025 IST
दलाई लामा संस्था जारी रहेगी
दलाई लामा
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गादेन फोडरंग ट्रस्ट तय करेगा उत्तराधिकारी

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धर्मशाला, 2 जुलाई (एजेंसी)
तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने बुधवार को कहा कि दलाई लामा की संस्था जारी रहेगी और उनका उत्तराधिकारी तय करने का अधिकार केवल गादेन फोडरंग ट्रस्ट के पास होगा। इसके साथ ही उन्होंने इस संबंध में अनिश्चितता को समाप्त कर दिया कि उनके बाद उनका कोई उत्तराधिकारी होगा या नहीं। गादेन फोडरंग ट्रस्ट की स्थापना दलाई लामा ने 2015 में की थी। चौदहवें दलाई लामा - तेनजिन ग्यात्सो, जिन्हें ल्हामा थोंडुप भी कहा जाता है, ने गत 21 मई, 2025 को बयान दिया था, जो उनके कार्यालय ने उनके 90वें जन्मदिन से चार दिन पहले बुधवार को जारी किया। तिब्बती भाषा में उनके भाषण का 5.57 मिनट का एक वीडियो भी जारी किया गया। इससे पहले दलाई लामा ने कहा था कि तिब्बत की सबसे पवित्र परंपरा को समाप्त किया जा सकता है या उनका उत्तराधिकारी किसी महिला को या चीन के बाहर जन्मे किसी व्यक्ति को चुना जा सकता है। हालांकि, ल्हामा थोंडुप को अलगाववादी मानने वाले चीन ने कहा है कि बीजिंग सदियों पुरानी परंपरा के माध्यम से उनके उत्तराधिकारी की पहचान को मंजूरी देगा। दलाई लामा के 90वें जन्मदिन का जश्न 30 जून को धर्मशाला के पास मैकलॉडगंज के मुख्य मंदिर सुगलागखांग में शुरू हुआ। यह अवसर इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्होंने 2011 में कहा था कि वह 90 वर्ष की आयु में फैसला करेंगे कि संस्था जारी रहेगी या नहीं।
दलाई लामा के बयान में कहा गया, ‘मुझे दुनिया के अन्य हिस्सों में रहने वाले तिब्बतियों और तिब्बती बौद्धों से विभिन्न चैनलों के माध्यम से संदेश मिले हैं, जिसमें अनुरोध किया गया है कि दलाई लामा की संस्था को जारी रखा जाना चाहिए। मैं दोहराता हूं कि गादेन फोडरंग ट्रस्ट के पास भावी पुनर्जन्म को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार है। किसी को हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।’ उन्होंने कहा कि भविष्य में पुनर्जन्म को मान्यता देने की जिम्मेदारी गादेन फोडरंग ट्रस्ट, दलाई लामा कार्यालय के सदस्यों पर है, जिन्हें तिब्बती बौद्ध परंपराओं के विभिन्न प्रमुखों, दलाई लामाओं की वंशावली से अभिन्न रूप से जुड़े एवं विश्वसनीय धर्म रक्षकों से परामर्श करना चाहिए। बयान में कहा गया है, ‘उन्हें परंपरा के अनुसार खोज और पहचान की प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए।’

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