तीसरे दौर में 112 भारतीय निर्वासित
चंडीगढ़, 16 फरवरी (एजेंसी)
अमेरिका का एक सैन्य विमान 112 भारतीयों के साथ रविवार रात अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा अवैध प्रवासियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के तहत निर्वासित लोगों को लाने वाली यह तीसरी उड़ान है। सूत्रों ने बताया कि 112 निर्वासितों में 44 हरियाणा से हैं, जबकि 33 गुजरात, 31 पंजाब, दो उत्तर प्रदेश, एक-एक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से हैं। आव्रजन, सत्यापन और पृष्ठभूमि जांच सहित सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हें घर जाने की अनुमति दी जाएगी।
इससे पहले शनिवार देर रात अमेरिकी सैन्य विमान 116 निर्वासित भारतीयों को लेकर अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था। उनमें शामिल पुरुषों ने दावा किया कि यात्रा के दौरान उन्हें बेड़ियां लगाई गयी थीं और सिख युवकों के सिर पर पगड़ी नहीं थी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने रविवार को अमेरिकी अधिकारियों की कड़ी निंदा की और दावा किया कि उन्होंने निर्वासितों के दूसरे समूह में शामिल सिखों को पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी। अमृतसर हवाई अड्डे पर एसजीपीसी अधिकारियों ने सिख निर्वासितों को दस्तार दी। इससे पहले, पांच फरवरी को 104 भारतीयों को लेकर अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा था। उन्हें भी बेड़ियों में जकड़ा गया था और इसे लेकर विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा था।
अमृतसर में उतरते ही दो भाई कत्ल केस में गिरफ्तार
पटियाला/ राजपुरा (ट्रिन्यू/ निस) : पटियाला जिले के राजपुरा से ताल्लुक रखने वाले दो निर्वासित चचेरे भाइयों को शनिवार रात अमृतसर में उतरते ही हत्या के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। संदीप सिंह उर्फ सनी और प्रदीप सिंह जून 2023 में राजपुरा में दर्ज मामले में वांछित थे। रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने उन्हें तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। दोनों के परिवार गमगीन हैं। उन्होंने जमीन बेचकर, कीमती सामान गिरवी रखकर दोनों को अमेरिका भेजने के लिए ‘डंकी रूट’ चुना था। परिजनों के अनुसार उन्होंने करीब 1.20 करोड़ रुपये खर्च किये थे। हत्या के इस मामले की शुरुअात खराब आम वापस करने को लेकर बहस से हुई थी। पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपी उस स्थान पर मौजूद थे, जहां स्वर्ण सिंह नामक शख्स हत्या की गयी थी, जबकि एक अन्य व्यक्ति बुरी तरह घायल हो गया था। शिकायत के बाद दोनों का नाम एफआईआर में शामिल किया गया था। आरोपी प्रदीप के भाई मनदीप सिंह ने कहा, ‘मेरे भाई सिर्फ मौके पर मौजूद थे, झगड़े का हिस्सा नहीं थे।’ प्रदीप के पिता ने कहा कि पुलिस द्वारा झूठे मामले में फंसाये जाने के बाद उन्होंने अपने बेटे और भतीजे को अमेरिका भेजने के लिए तीन एकड़ जमीन बेच दी और कर्ज लिया।