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तीन फर्मों से मिला 2770 क्विंटल गेहूं, चार लाख फीस व जुर्माना लगाया

04:25 AM May 07, 2025 IST
तीन फर्मों से मिला 2770 क्विंटल गेहूं  चार लाख फीस व जुर्माना लगाया
फतेहाबाद के कुलां में एक मिल में गेहूं स्टॉक की जांच करती सीएम फ्लाइंग टीम। हप्र
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अनधिकृत भंडारण करने वालों पर सीएम फ्लाइंग का छापा
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मदन लाल गर्ग/ हप्र

फतेहाबाद, 6 मई

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जिले में गेहूं का अनधिकृत रूप से स्टॉक करने वालों पर सीएम फ्लाइंग की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है। पिछले दो-तीन दिनों में सीएम फ्लाइंग ने फतेहाबाद जिले के बड़ोपल, टोहाना, रतिया कुलां और जाखल में कार्रवाई कर गेहूं का स्टॉक करने वालों पर लाखों रुपए के जुर्माने लगाए हैं।

जानकारों की मानें तों यह पूरा खेल मिलजुल कर किया जा रहा है। अवैध स्टॉक करने वाले पूरी प्लानिंग के तहत काम करते हैं पहले कम मात्रा का मार्केट कमेटी से गेट पास बनवाया जाता है और फिर उससे कहीं अधिक मात्रा में गेहूं का स्टॉक किया जाता है। नियमानुसार मार्केट कमेटी मंडी में फसल लेकर आने वालों का उसी समय ही गेट पास काटती है।

बीते दिन गुप्तचर विभाग की सूचना पर सीएम फ्लाइंग टीम ने कुलां व जमालपुर में तीन मिलों को खंगाला। टीम को तीनों मिलों में चार फर्मों का अवैध रूप से 2770 क्विंटल गेहूं स्टॉक मिला। इसकी मार्केट फीस व हरियाणा ग्रामीण विकास फंड नहीं भरा गया था। सीएम फ्लाइंग

सोमवार को सीएम फ्लाइंग टीम को जमालपुर की अंजनी एग्रो फूड राइस मिल में 1440 क्विंटल गेहूं का स्टॉक मिला। टीम ने फर्म को फीस व जुर्माने के रूप में 2,09,000 रुपये जमा करवाए। कुलां की लोकसेवक राइस मिल में 510 क्विंटल गेहूं मिली जो कि सरवन सिंह दलीप सिंह फर्म की थी। टीम ने इस फर्म से फीस व जुर्माने के रूप में 68,022 रुपए भरवाए।

कुलां के ही रतिया रोड पर गुरु राम दास राइस मिल में 820 क्विंटल गेहूं का अवैध रूप से किया स्टॉक मिला। जो दो फर्मों रामरतन राकेश कुमार का 325क्विंटल तथा दाता राम राम रतन का 495 क्विंटल गेहूं स्टॉक था। टीम ने दोनों फर्मों से फीस व जुर्माने के रूप में 1,09,371 रुपए भरवाए।

उत्पाद अधिक तो गेहूं गया कहां

पिछले वर्ष आजतक 644247 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी जबकि इस वर्ष अब तक 608576 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। एक्सपर्टस के अनुसार मौसम अनुकूल रहने के कारण इस वर्ष गेहूं का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना करीब 10 प्रतिशत से अधिक है। मगर आवक और खरीद के आंकड़े कुछ और ही बता रहे हैं, हालांकि सरकारी बाबू तर्क दे रहे हैं अभी सीजन बाकी पड़ा है।

आवक और भी आएगी, लेकिन दूसरी ओर खेत खाली हो चुके हैं। किसान अपनी अगली फसल की तैयारी करने में जुटे हुए हैं। ऐसे सवाल उठता है कि अगर उत्पाद अधिक है तो गेहूं गया कहाँ? साफ है कि गेहूं का स्टॉक या तो किसान ने किया या फिर उसे बाहर के राज्य में बेचा है या फिर कालाबाजारी करने वालों के गोदामों में पड़ा है।

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